SMART: भारत ने 1 मई (बुधवार) को ओडिशा (Odisha) के बालासोर (Balasore) के तट पर आयोजित सुपरसोनिक मिसाइल असिस्टेड रिलीज ऑफ टॉरपीडो (SMART) पनडुब्बी रोधी मिसाइल प्रणाली के परीक्षणों के सफल समापन के साथ एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (Defense Research and Development Organization) (डीआरडीओ) द्वारा विकसित, स्मार्ट प्रणाली भारत की नौसेना रक्षा क्षमताओं (naval defense capabilities) में एक महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतीक है।
रक्षा अधिकारियों ने क्या कहा?
रक्षा क्षेत्र के अधिकारियों ने भारतीय नौसेना के लिए इस स्वदेशी विकास के रणनीतिक महत्व पर जोर देते हुए सफल परीक्षणों की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि परीक्षणों ने पानी के भीतर खतरों का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने में स्मार्ट प्रणाली की प्रभावकारिता और विश्वसनीयता का प्रदर्शन किया।
DRDO today successfully flight tested Supersonic Missile Assisted Release of Torpedo( SMART) from Dr APJ Abdul Kalam Island off the coast of Odisha.https://t.co/sbrcms4Upn@DefenceMinIndia @SpokespersonMoD pic.twitter.com/xAVBoQ5gF5
— DRDO (@DRDO_India) May 1, 2024
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स्मार्ट सिस्टम क्या ऑफर करता है?
भारतीय नौसेना की पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमताओं को मजबूत करने के लिए डिज़ाइन की गई स्मार्ट प्रणाली अत्याधुनिक तकनीक और स्वदेशी नवाचार के मिश्रण का प्रतिनिधित्व करती है। अपनी सुपरसोनिक क्षमताओं और टारपीडो रिलीज तंत्र के साथ, स्मार्ट प्रणाली संभावित पनडुब्बी खतरों के खिलाफ एक जबरदस्त निवारक प्रदान करती है, जो भारतीय नौसेना की परिचालन तत्परता और समुद्री रक्षा मुद्रा को बढ़ाती है।
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स्मार्ट पनडुब्बी रोधी मिसाइल प्रणाली के बारे में:
- यह एक कनस्तर-आधारित, लंबी दूरी की पनडुब्बी रोधी मिसाइल है।
- इसे भारतीय नौसेना के लिए DRDO द्वारा विकसित किया गया है।
- परियोजना के पीछे का उद्देश्य एक त्वरित प्रतिक्रिया प्रणाली विकसित करना है जो गतिरोध दूरी से टारपीडो को लॉन्च कर सके।
- मिसाइल की मारक क्षमता 643 किमी है, यह 50 किलोग्राम ऊंचे विस्फोटक हथियार के साथ 20 किमी की रेंज का हल्का टॉरपीडो ले जाती है।
- स्मार्ट हवाई या जहाज-आधारित पनडुब्बी पहचान और पहचान प्रणालियों से जुड़े दो-तरफ़ा डेटा लिंक का उपयोग करता है।
- इसे सतह के जहाज या ट्रक-आधारित तटीय बैटरी से लॉन्च किया जा सकता है।
- मिसाइल दोहरे चरण के ठोस-प्रणोदक रॉकेट द्वारा संचालित है और पाठ्यक्रम सुधार के लिए इलेक्ट्रो-मैकेनिकल एक्चुएटर्स का उपयोग करती है।
- मिसाइल का पता लगाने की सीमा को कम करने के लिए समुद्री स्किमिंग का उपयोग किया जाता है।
- SMART का पहला सफल परीक्षण 5 अक्टूबर 2020 को अब्दुल कलाम द्वीप से किया गया था।
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