पहाड़ों पर भारी बारिश (Rain) के कारण खादर क्षेत्र में फसलें जलमग्न हो गईं। किसानों (Farmers) को आजीविका के गंभीर नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। खादर के किसानों (Animals) को अपने पशुओं के चारे के लिए आसपास के जंगलों में भटकना पड़ता है।
बारिश के पानी से किसानों की हजारों बीघे फसल बर्बाद (Crop Failure) हो गई। किसान अभी पिछली बारिश से उबर भी नहीं पाया था कि बारिश का पानी खादर में घुस गया और इलाका फिर जलमग्न हो गया। सोलानी नदी (Solani River) उफान पर है।
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बारिश के पानी से किसानों की फसलें खराब
पुरकाजी खादर क्षेत्र में किसानों की हजारों बीघे फसल बारिश के पानी से बर्बाद हो गई। पहाड़ों पर भारी बारिश का पानी गिरने से खादर क्षेत्र जलमग्न हो गया। खादर के किसान बाढ़ से उबर नहीं सके। बाढ़ के पानी से किसानों की हजारों बीघे गन्ना और धान की फसल फिर बर्बाद हो गई। बारिश के पानी से किसानों के खेतों में लगी पशुओं के लिए हरे चारे की फसल भी बर्बाद हो गई। जिससे किसानों के सामने पशु चारे का संकट गहरा गया है। किसानों को हरे चारे की तलाश में मैदानी इलाकों में जाना पड़ता है।
पुरकाजी खादर में दिखा भारी बारिश का असर
पहाड़ों पर हो रही भारी बारिश का असर पुरकाजी खादर में दिखाई दे रहा है। पहाड़ों पर भी भारी बारिश के कारण खादर क्षेत्र के रजकल्लापुर, शेरपुर नगला, रामनगर, चमरावाला, बढ़ीवाला, चाणचक, शेरपुर, भदौला, भदौली, भैंसलीवाला गांव जलमग्न हो गये। जिससे इन गांवों में आवागमन भी बाधित हो गया। गांव की बिजली व्यवस्था भी चरमरा गयी। सोलानी नदी फिर उफान पर है।
बाढ़ जैसे हालात पैदा हो जाते हैं
खादर के किसान सुरेंद्र सिंह, सरदार बुट्टा सिंह, बलवंत सिंह, देवेंद्र सिंह, राजेंद्र सिंह, गुरुमीत सिंह, नरेश प्रधान, पूर्व प्रधान सरदार जोगिंदर सिंह ने कहा कि इस तरह बारिश का पानी खादर में आने से यहां बाढ़ जैसे हालात पैदा हो सकते हैं। चल दर। जिससे खादर क्षेत्र का बुनियादी ढांचा बर्बाद हो गया है और खादर के किसान अपनी आजीविका को लेकर चिंतित हैं। बाढ़ का पानी स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए भी मुसीबत बन गया है।
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