धंधा था पर गंदा था! अरबपति मटका किंग नेताजी और पुलिसवाला गिरफ्तार

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महाराष्ट्र के सोलापुर का अरबपति नगरसेवक अंतत: पुलिस के हत्थे चढ़ गया है। भारतीय जनता पार्टी का यह नगरसेवक शहर में चल रहे अवैध मटके के धंधे का किंग माना जा रहा है। इस अवैध धंधे में नगरसेवक का पार्टनर एक पुलिसकर्मी था जिसे पहले ही पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। जबकि मटके के विरुद्ध पुलिस की बड़ी कार्रवाई के बाद से ही ये नेता फरार था। पुलिस अब 307 करोड़ रुपए के मटका व्यापार के संबंध में नगरसेवक से पूछताछ करेगी। लेकिन नेताजी के नजदीकी लोगों से बात करने पर वे सभी ये तो मान रहे हैं मटके का धंधा अवैध (गंदा) था लेकिन था तो धंधा ही इसलिए कर रहे थे।
जिस कालाधन को देश में लाने के लिए पीएम मोदी देश-विदेश एक किये हुए हैं वो उन्हीं के नेताओं की छत्रछाया में पैदा किया जा रहा है। बात सोलापुर की है। यहां भारतीय जनता पार्टी का एक नगरसेवक है सुनील कामाटी। जिसे पुलिस ने हैदराबाद से गिरफ्तार किया है। उस पर आरोप है कि वो जिले में संचालित होनेवाले मटके के धंधे का किंग था। उसके घर पर मारे गए छापे में एक डायरी मिली थी। जिसमें 307 (3 अरब) करोड़ रुपए के मटका कारोबार की जानकारी सामने आई है।
ऐसे फूटा मटका
दरअसल, इस पटकथा पर पुलिस की अपराध शाखा ने काम शुरू कर दिया था 24 अगस्त को। उसे गुप्तचरों से सूचना मिली थी कि शहर की कुंची कोरवे गली की एक इमारत में मटका व्यवसाय चल रहा है। पुलिस तुरंत हरकत में आई और उसने छापा मारा। इस छापेमारी में पुलिस ने 28 लोगों को पकड़ लिया जबकि 40 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया। इसमें पुलिस से बचने की कोशिश में एक गुर्गे की मौत भी हो गई थी। इस मामले की जांच और आरोपियों से पूछताछ में 288 लोगों के नाम सामने आए।
जांच की राडार पर नेता और पुलिसवाला
गिरफ्तार किये गए लोगों से पूछताछ में भाजपा नगरसेवक सुनील कामाटी और पुलिस कर्मचारी
स्टीफन स्वामी का नाम सामना आया। इस पर पुलिस ने दोनों के विरुद्ध कार्रवाई शुरू की। नगरसेवक सुनील कामाटी को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस ने जब उसके घर पर दबिश दी तो उसके पहले ही वो फरार हो चुका था। इसके अलावा पुलिस कर्मी स्टेफन स्वामी के निलंबन और गिरफ्तारी की कार्रवाई भी शुरू हुई।
खत्म हुई लुकाछिपी
पुलिस सूत्रों की नजर लगातार सुनील कामाटी की धरपकड़ के लिए लगी हुई थी। जिसके बाद अचानक एक महीने की लुकाछिपी के खेल के बाद पुलिस को जानकारी मिली कि सुनील कामाटी हैदराबाद में छिपा बैठा है। जिसके बाद 23 सितंबर को उसे गिरफ्तार कर लिया गया। सुनील कामाटी के घर से मिली डायरी में 2017 से 2020 तक का हिसाब मिला है। जिसमें 307 करोड़ रुपए का कारोबार सामने आया है।
नेताजी भाईगिरी में भी लिप्त
सुनील कामाटी की पृष्ठभूमि आपराधिक रही है। उसके विरुद्ध सोलापुर में 24 मामले दर्ज हैं। राजनीति में उसका सफर शिवसेना से शुरू हुआ। 2014 के विधान सभा चुनाव में टिकट को लेकर शिवसेना नेताओं से उसका विवाद भी काफी चर्चित रहा। इसके बाद उसने भाजपा का दामन थाम लिया। 2017 के महानगर पालिका चुनाव में उसने जीत हासिल की और नगरसेवक बन गया।

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