प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने समाज को जाति और धर्म (Caste and Religion) के आधार पर बांटने वालों के प्रति आगाह करते हुए सोमवार को कहा कि कुछ लोग निहित स्वार्थ के कारण इस तरह की साजिश रच रहे हैं। विकसित राष्ट्र (Developed Nation) के लिए एकता को जरूरी बताते हुए उन्होंने कहा कि हमें मिलकर देशविरोधियों (Anti-Nationals) की बांटने की कोशिशों को नाकाम करना होगा।
प्रधानमंत्री ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गुजरात (Gujarat) के वडताल में श्री स्वामीनारायण मंदिर (Shri Swaminarayan Temple) की 200वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा, “आज दुर्भाग्य से निहित स्वार्थ और छोटी समझ के कारण भारत के उज्ज्वल भविष्य के महत्वकांक्षी उद्देश्यों को भूलकर कुछ लोग समाज को जाति, धर्म, भाषा, ऊंच-नीच, स्त्री-पुरुष, गांव-शहर आदि के आधार पर टुकड़े-टुकड़े में बांटने की साजिश चल रही है। जरूरी है कि हम देशविरोधियों की इस चेष्टा को, उसकी गंभीरता को समझें, उस संकट को समझें और मिलकर इसे नाकाम करें।”
Addressing a programme marking the 200th anniversary celebrations of Shree Swaminarayan Mandir in Vadtal.https://t.co/5pDPQLPpgj
— Narendra Modi (@narendramodi) November 11, 2024
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सशक्त और शिक्षित युवाओं का निर्माण करना होगा
उन्होंने कहा कि भगवान श्री स्वामीनारायण ने बताया है कि बड़े लक्ष्य कठोर तप से हासिल होते हैं। राष्ट्र को निर्णायक दिशा दिखाने की क्षमता युवा मन में होती है। युवा, राष्ट्र का निर्माण कर सकते हैं और करेंगे, इसके लिए हमें सशक्त और शिक्षित युवाओं का निर्माण करना होगा। ‘विकसित भारत’ के लिए हमारे युवा सशक्त होने चाहिए। स्किल्ड युवा हमारी सबसे बड़ी ताकत बनेंगे।
उन्होंने कहा कि 200 साल पहले जिस वडताल धाम की स्थापना भगवान श्री स्वामीनारायण ने की थी हमने आज भी उसकी अध्यात्मिक चेतना को जागृत रखा है। हम आज भी यहां भगवान श्री स्वामीनारायण की शिक्षाओं को, उनकी ऊर्जा को अनुभव कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वड़ताल धाम की स्थापना की 200वीं वर्षगांठ और यह भव्य समारोह महज एक आयोजन नहीं है। यह क्षण भारतीय संस्कृति के शाश्वत प्रभाव का प्रमाण है। उन्होंने देशवासियों को द्विशताब्दी समारोह की बधाई देते हुए कहा कि उन्हें खुशी है कि भारत सरकार ने गुजरात के वड़ताल में स्वामीनारायण मंदिर की 200वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में दो सौ रुपये का एक चांदी का सिक्का और स्मारक डाक डिकट भी जारी किया है।
आगामी 25 वर्षों में विकसित भारत
उन्होंने कहा कि स्वामीनारायण भगवान हमारे इतिहास के कठिन समय में आए और हमारी पहचान को पुनर्जीवित कर हमें नई ताकत दी। वड़ताल के और समस्त स्वामीनारायण परिवार के संत महात्माओं से आग्रह है कि विकसित भारत के महान उद्देश्य से जन-जन को जोड़ें। उन्होंने कहा कि आने वाले 25 वर्ष तक विकसित भारत के उद्देश्य को जीना है। ‘विकिसत भारत’ के लिए 140 करोड़ देशवासियों में हर पल होना जरूरी है।
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