कभी मुंह नोचवा तो कभी पिशाच का आतंक! जानें, देश में कब-कब फैली कैसी-कैसी अफवाह

वर्ष 2001 में दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्रों में काले बंदर की अफवाह ने जोर पकड़ रखा था। मंकी मैन के चक्कर में कई संदिग्ध लोगों की परेशानी बढ़ गई थी और उनकी जमकर पिटाई हो गई थी।

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इन दिनों मानव के मांस खाने वाले पिशाच का खौफ आंध्र के एक गांव में फैला हुआ है। 4 लोगों की रहस्यमय मृत्यु के बाद लोगों में यह अफवाह फैली हुई है। लोगों ने उससे बचने के लिए अपने घरों में नींबू-मिर्च टांग रखा है। लोग घरों से निकलने से डर रहे हैं।

इस गांव का नाम श्रीकाकुलम जिला, सरबुज्जीली मंडल स्थित वेनेलावलास है। गांव के लोगों का कहना है कि उन्होंने डर से स्वयं ही लॉकडाउन कर रखा है। इसके मद्दे नजर बाहरी लोगों के गांव में प्रवेश पर रोक लगा दी गई है।

पिशाच का आतंक
दरअस्ल इस गांव में चार लोगों की रहस्यमय मौत हो गई। उसके बाद लोगों में यह अफवाह फैल गई कि इनकी जान पिशाच ने ली है। उसके बाद ग्रामीणों ने बाहरी लोगों को गांव में घुसने पर पाबंदी लगा दी और स्कूल तथा आंगनवाड़ी केंद्रों को भी बंद करा दिया। यहां तक कि सरकारी कर्मचारियों और शिक्षकों को भी गांव में घुसने से रोक दिया गया। हालांकि ग्रामीणों के इस विश्वास के पीछे कोई तथ्य नजर नहीं आ रहा है और इसे पूरी तरह अफवाह बताया जा रहा है। हालांकि ग्रामीणों का मानना है कि आत्माएं घात लगाकर बैठी हैं और उन्होंने ही इन चार ग्रामीणों की जान ली है।

बच्चा चोर का आतंक
प्राप्त आंकड़ों के अनुसार जनवरी 2017 से अगस्त 2018 तक 69 मारपीट में बच्चा चोरी के आरोप में 33 से अधिक लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया था। ये सभी हत्याएं मैसेजिंग ऐप व्हाट्सऐप के माध्यम से प्रसारित एक फर्जी मैसेज की वजह से की गई। लोगों ने इन मैसेजों पर विश्वास कर शक के आधार पर बेगुनाहों को मौत के घाट उतार दिया।

 मुंह नोचवा
वर्ष 2002 में उत्तर प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में मुंह नोचवा का आतंक इस तरह फैला था कि लोगों ने रात में घर से निकलना बंद कर दिया था। इस अफवाह के कारण कई बार लोगों ने शक के आधार पर किसी अनजान व्यक्ति को पकड़कर पीट दिया था और वे घायल हो गए थे। हालांकि पुलिस और देश की तमामा जांच एजेंसियां इसके पीछे सक्रिय शातिर लोगों और उनके मकसद के बारे में जानकारी नहीं जुटा पाई।

कैसा था मुंह नोचवा?
बताया जाता था कि मुंह नोचवा पंखों वाली लोमड़ी की तरह का एक जानवर है। यह अंधेरे में लोगों पर हमला करता है और लोगों का मुंह नोच लेता है। बाद में बताया गया कि उसे पंख नहीं है। हालांकि बाद में यह पूरी तरह अपवाह साबित हुई। दूसरी अफवाह यह फैली कि वह बाज की तरह उड़ता है। उसकी पूंछ से लाल और नीले रंग की किरणें निकलती हैं। बाद में उसे दूसरे ग्रह का यूएफओ भी बताया गया। कुछ लोगों ने उसे रोबोट ड्रैगन भी बताया गया।

सूई भोंकवा का भय
जून 2017 में प्रयागराज में मुंह नोचवा की तरह सूई भोंकवा का आतंक छाया था। यह आतंक विशेषकर महिलाओं के लिए सिरदर्द बन गया था। खौफ का हाल यह था कि महिलाएं कहीं भी जाने से डरती थीं। अफवाह के अनुसार शाम होते ही सूई भोंकवा अकेली महिला को सूई भोंक कर फरार हो जाता था। कहा यह भी जाता था कि सूई भोकवा मोटरसाइकिल पर आता था। हालांकि वह कभी भी पकड़ा नहीं जा सका और पुलिस की तमाम कोशिशें बेकार साबित हुई।

मंकी मैन की दहशत
वर्ष 2001 में दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्रों में काले बंदर की अफवाह ने जोर पकड़ रखा था। मंकी मैन के चक्कर में कई संदिग्ध लोगों की परेशानी बढ़ गई थी और उनकी जमकर पिटाई हो गई थी।

चोटी वाली चुड़ैल का खौफ
वर्ष 2017 में ही देश के कई भागों में चोटी वाली चुड़ैल की अफवाह जोरों पर थीं। इन राज्यों में कश्मीर, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान शामिल थे। इन राज्यों में महिलाओं के बाल काटने की अफवाहों ने इतना जोर पकड़ा था कि कई महिलाओं के बाल काटे जाने की चर्चा थी। हालांकि इसके पीछे कौन था और क्या मकसद था, यह कभी सामने नहीं आया।

सिलबट्टे वाली बुढ़िया
हरियाणा, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सिलबट्टे वाली बुढ़िया की अफवाह ने भी काफी बवाल खड़ा किया था। वर्ष 2015 में फैली इस अफवाह ने देश के उत्तरी राज्यों में काफी बवाल किया था। हालांकि बाद में यह अफवाह अपने आप शांत हो गई और इसके बारे में कोई भी जानकारी नहीं मिल पाई।

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