केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने सभी हितधारकों से आगे आने और वाहन स्क्रैपिंग नीति (Vehicle scrapping policy) का समर्थन करने की अपील की है। 25 सितंबर को नई दिल्ली में एक हितधारक परामर्श बैठक (Stakeholder consultation meeting) को संबोधित करते हुए उन्होंने इसे सभी के लिए लाभदायक स्थिति बताया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मंत्रालय ने वाहनों के लिए लगातार मांग का सृजन करने के लिए कई प्रकार की पहल की है जिनमें राजमार्गों के विश्व स्तरीय नेटवर्क का निर्माण, बसों का विद्युतीकरण और वाहनों की अनिवार्य ऑटोमेटेड फिटनेस जांच शामिल है। उन्होंने कहा कि ऑटो ओईएम को अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाने की दिशा में काम करना चाहिए और देश को विश्व में सबसे बड़ा ऑटो उद्योग बनाने में सहायता करनी चहिए।
ऑटो उद्योग स्क्रैपिंग नीति का सबसे बड़ा लाभार्थी
गडकरी ने जोर देकर कहा कि चूंकि ऑटो उद्योग इस नीति का सबसे बड़ा लाभार्थी है, उन्हें अवश्य आगे आना चाहिए और ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन (एटीएस) और पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधाओं (आरवीएसएफ) की स्थापना करने में अधिक निवेश करने, अपने डीलर नेटवर्क के माध्यम से नीतिगत लाभों के बारे में नागरिकों के बीच अधिक जागरूकता पैदा करने तथा वाहनों को स्क्रैप करने पर नागरिकों द्वारा प्राप्त जमा प्रमाणपत्र के विरुद्ध अंतिम छूट प्रतिशत के तीन बिंदुओं पर समर्थन दिया जाना चाहिए।
ऑटो की बिक्री होगी 8 प्रतिशत की वृद्धि
अनुराग जैन ने देश भर में ऑटो उद्योग को स्क्रैप केंद्रों और ऑटोमेटेड जांच केंद्रों की स्थापना करने के लिए प्रोत्साहित किया। इस बात पर जोर दिया गया कि वाहन स्क्रैपिंग नीति से ऑटो की बिक्री में लगभग 8 प्रतिशत वृद्धि होने तथा देश के सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 0.5 प्रतिशत का योगदान प्राप्त होने की उम्मीद है और इसलिए ऑटो ओईएम को इस नीति को निश्चित रूप से निर्बाधित समर्थन देना चाहिए।
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