Stampede case at New Delhi Railway Station: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर 15 फरवरी की रात हुई भगदड़ की जांच रिपोर्ट रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने सौंप दी है। आरपीएफ ने अपनी रिपोर्ट में हादसे के पीछे कई कारणों का खुलासा किया है। रिपोर्ट के मुताबिक रेलवे स्टेशन पर भीड़ व प्रबंधन में गंभीर चूक हुई। ट्रेन के प्लेटफार्म बदलने की घोषणाओं ने यात्रियों में भ्रम और अफरा-तफरी का माहौल पैदा कर दिया, जिससे यह दर्दनाक हादसा हुआ।
अनाउंसमेंट के कारण यात्रियों में मची अफरातफरी
आरपीएफ की रिपोर्ट में कहा गया है कि रात 8:45 बजे तक स्टेशन पर पहले से ही भीड़ नियंत्रण की समस्या थी। इसी दौरान अनाउंसमेंट हुई कि प्रयागराज स्पेशल ट्रेन प्लेटफार्म 12 से रवाना होगी। इस घोषणा के तीन मिनट बाद ही दूसरा अनाउंसमेंट कर दिया गया कि ट्रेन अब प्लेटफार्म नंबर 16 से रवाना होगी। इससे घबराए यात्री जल्दी से प्लेटफार्म बदलने के लिए सीढ़ियों की ओर भागे, जिससे फुट ओवर ब्रिज (एफओबी) नंबर 2 और 3 पर यात्रियों की भीड़ का दबाव बढ़ गया और भगदड़ मच गई। आरपीएफ रिपोर्ट के मुताबिक रात 8 बजे शिवगंगा एक्सप्रेस के प्लेटफार्म 12 से रवाना होने के बाद स्टेशन पर बहुत ज्यादा भीड़ हो गई थी। इसके चलते प्लेटफार्म नंबर 12, 13, 14, 15 और 16 तक जाने वाले रास्ते जाम हो गए थे। पहले से ही इन प्लेटफार्मों पर यात्रियों की भारी भीड़ थी। मगध एक्सप्रेस (प्लेटफार्म 14), उत्तर संपर्क क्रांति एक्सप्रेस (प्लेटफार्म 15) और प्रयागराज एक्सप्रेस के यात्री भी वहीं खड़े थे।
टिकट बिक्री रोकने में देरी
आरपीएफ की रिपोर्ट में कहा गया है कि जब भीड़ बढ़ने लगी, तो स्टेशन डायरेक्टर को सुझाव दिया गया कि प्रयागराज स्पेशल ट्रेन को जल्दी रवाना किया जाए और टिकट बिक्री बंद कर दी जाए लेकिन टिकट बिक्री देर से रोकी गई। इससे यात्रियों की भीड़ और बढ़ गई। भगदड़ रात 8:48 बजे हुई। दिल्ली दमकल विभाग को दिल्ली पुलिस से रात 9:55 बजे सूचना मिली, यानी लगभग 40 मिनट की देरी हुई। रेलवे ने अपने आधिकारिक बयान में घटना का समय 9:15 बजे बताया, जिससे इस देरी पर सवाल उठ रहे हैं।
सीसीटीवी में सामने आया सच
आरपीएफ की रिपोर्ट के अनुसार सीसीटीवी फुटेज में साफ दिख रहा है कि जैसे ही प्लेटफार्म बदलने की घोषणा हुई, यात्री घबराकर भागने लगे। इस दौरान एफओबी-2 और एफओबी-3 पर यात्रियों की संख्या अचानक बढ़ गई। इसी बीच, दूसरी ट्रेनों के यात्री सीढ़ियों से नीचे उतर रहे थे। जब दोनों तरफ से यात्री एक-दूसरे से टकराए, जिससे धक्का-मुक्की हुई, कुछ यात्री फिसलकर गिर पड़े और भगदड़ मच गई।
रेलवे ने दिए हैं आंतरिक जांच के आदेश
दरअसल, रेलवे ने इस मामले में आंतरिक जांच के आदेश दिये हैं। इसके साथ ही विभिन्न विभागों से भी जांच रिपोर्ट मांगी गई हैं। इसी क्रम में आरपीएफ ने अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी है। सभी जांच रिपोर्ट दो सदस्यीय जांच समिति को सौंपी जाएंगी। उन सभी रिपोर्टों का अध्ययन करने के बाद जांच समिति के सदस्य उनसे पूछताछ करेंगे और फिर अपनी रिपोर्ट देंगे।
इन अधिकारियों को दी गई है जांच की जिम्मेदारी
हादसे की जांच के लिए जिन वरीय अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई, उनमें उत्तर रेलवे के प्रधान मुख्य वाणिज्यिक प्रबंधक (पीसीसीएम) नरसिंह देव और दूसरे सदस्य उत्तर रेलवे के प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त (पीसीएससी) पंकज गंगवार हैं।