Akhilesh Yadav: गौशाला में ‘दुर्गंध’? अखिलेश यादव का इत्र प्रेम!

कन्नौज में पिछले दिनों अखिलेश यादव द्वारा गायों को लेकर दिए गए विवादित बयान पर सियासत तेज हो गई है। अखिलेश ने कहा कि भाजपा सरकार को दुर्गंध पसंद है, इसलिए वे गौशालाएं बना रहे हैं, सपा को सुगंध पसंद है, इसलिए हम सुगंध के लिए इत्र पार्क बना रहे हैं।

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– अमन दुबे

भारत (India) एक ऐसा देश है जहां गायों (Cows) की पूजा की जाती है, देश के प्रधानमंत्री अपने आवास पर गाय रखते हैं और उनके साथ समय बिताते हैं तथा उनकी पूजा करते हैं। वहीं, दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को गौशालाओं (Gaushalas) से दुर्गंध (Foul Smell) आती है। बता दें कि अखिलेश यादव जाति से यादव हैं और यादव का काम गायों की सेवा करना होता है। लेकिन अखिलेश को गौशालाओं से दुर्गंध आती है।

धर्मग्रंथों में बताया गया है पूजनीय
हमारी संस्कृति में गाय को गंगा, गायत्री, गीता, गोवर्धन और गोविंद की तरह पूजनीय माना गया है। भगवान श्री कृष्ण स्वयं गाय की पूजा करते थे, जिसमें सभी देवी-देवता निवास करते हैं। कहा जाता है कि जहां गाय निवास करती है, वहां सभी देवी-देवता प्रसन्न रहते हैं।

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भाजपा ने बोला हमला
कन्नौज में पिछले दिनों अखिलेश यादव द्वारा गायों को लेकर दिए गए विवादित बयान पर सियासत तेज हो गई है। अखिलेश ने कहा कि भाजपा सरकार को दुर्गंध पसंद है, इसलिए वे गौशालाएं बना रहे हैं, सपा को सुगंध पसंद है, इसलिए हम सुगंध के लिए इत्र पार्क बना रहे हैं। सपा अध्यक्ष के इस बयान पर सियासत तेज हो गई है। भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं ने इस पर हमला बोला है।

अखिलेश ने क्या कहा?
अखिलेश यादव ने कहा, “हम नेताजी(मुलायम सिंह यादव) के बताए रास्ते पर चल रहे हैं। सपा के लोग विकास और खुशहाली चाहते हैं, यह भाजपा की नफरत की दुर्गंध है। कन्नौज के सुगंध वाले लोग दुर्गंध दूर करें, उन्हें दुर्गंध पसंद है, इसलिए गौशालाएं बनवा रहे हैं। हमें सुगंध पसंद है, इसलिए हम इत्र पार्क बनवा रहे हैं। बैल नहीं पकड़े जा रहे हैं और उनका पैसा खाया जा रहा है।”

भड़के लोग
मथुरा में गायों की सेवा करने वाले लोगों ने अखिलेश के बयान पर गुस्सा जाहिर किया है। मथुरा में गायों की सेवा करने वाले और गौशालाओं में ग्वाले का काम करने वाले लोगों ने अखिलेश यादव के बयान पर कहा कि गाय हमारी माता है और माता की सेवा करने से कोई दुर्गंध नहीं आती। दुर्गंध अखिलेश यादव के मन में है और उन्हें अपना ख्याल रखना चाहिए। वह गायों की सेवा करते हैं और उन्हें यह अच्छा लगता है।

दूध पीकर पहलवान बने मुलायम
करीब 9 साल पहले तत्कालीन सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव गोपाष्टमी के मौके पर यूपी गौसेवा आयोग के कार्यक्रम में लखनऊ पहुंचे थे। उस समय अखिलेश के पिता मुलायम सिंह यादव ने कहा था कि “मैं बचपन में गाय चराने जाता था। हमने हमेशा गायें पाली हैं और सैफई में आज भी 16 गायें हैं। गाय का दूध सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है और इसे पीकर मैं पहलवान बन गया। हर किसी को गाय जरूर पालनी चाहिए। मुलायम सिंह ने कहा था कि गायें बहुत जरूरी हैं। हमारे देश में गायों की संख्या कम होती जा रही है, लेकिन आज फ्रांस और पुर्तगाल जैसे देश गाय पाल रहे हैं। साथ ही उनके गोबर, मूत्र और दूध का सही इस्तेमाल करके मुनाफा भी कमा रहे हैं।

यादव वंश का गौशालाओं से पुराना नाता
राजनीति ने अखिलेश यादव को जातिवाद खूब सिखाया है। मुसलमानों के प्रति अखिलेश यादव का प्रेम साफ दिखाई देता है। अगर अखिलेश यादव यादव वंश में पैदा नहीं होते तो शायद गायों के खिलाफ उनके घृणित बयान को समझा जा सकता था। लेकिन हिंदू धर्म में गायों के प्रति जो सम्मान यादवों ने दिखाया है, वह शायद किसी और ने नहीं दिखाया। महाभारत काल में यदुवंशी श्री कृष्ण का जन्म एक ग्वाले परिवार में हुआ था। उनका बचपन ग्वालों के बीच गाय चराते हुए बीता। पूरे देश के यादव खुद को श्री कृष्ण का वंशज मानते हैं। मुलायम सिंह यादव खुद भी यादव होने पर गर्व करते थे।

सनातन विरोधी बयान
भाजपा ने अखिलेश पर पलटवार करते हुए उन्हें सनातन विरोधी बताया है। भाजपा सांसद रवि किशन ने कहा कि गाय हमारी माता है और गाय का गोबर भी उतना ही पवित्र है। इस पर ऐसी आपत्तिजनक बातें कहना ठीक नहीं है। वहीं, भाजपा के राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा ने कहा कि अखिलेश को सनातन आस्था को गौशाला में तलाशना चाहिए। भाजपा सांसद संबित पात्रा ने अखिलेश के बयान पर कहा, ‘ये सभी दल सनातन के खिलाफ आवाज उठाते रहते हैं।’

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