Earthquake: लद्दाख में भूकंप के तेज झटके, पूर्वोत्तर भारत में भी हिली धरती

राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, शुक्रवार सुबह लद्दाख के कारगिल में 5.2 तीव्रता का भूकंप आया, जिसके झटके जम्मू-कश्मीर में भी महसूस किए गए।

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लद्दाख (Ladakh) के कारगिल (Kargil) में गुरुवार-शुक्रवार रात्रि 2.50 बजे भूकंप (Earthquake) के झटके महसूस किए गए। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (National Center for Seismology) के अनुसार, भूकंप का केंद्र 15 किलोमीटर गहराई में था। इसके करीब तीन घंटे बाद सुबह 6 बजे पूर्वोत्तर भारत में भी भूकंप के झटके लगे। अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) के पश्चिम कामेंग (West Kameng) इलाके में 4.0 तीव्रता (Intensity) का भूकंप मापा गया।

लेह और लद्दाख भूकंपीय क्षेत्र-IV में आते हैं, जिसका मतलब है कि भूकंप के लिहाज से ये बहुत ज्यादा जोखिम वाले क्षेत्र हैं। टेक्टोनिक रूप से सक्रिय हिमालय क्षेत्र में स्थित होने के कारण लेह और लद्दाख में अक्सर भूकंप आते रहते हैं।

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भूकंप क्यों आते हैं?
पृथ्वी मुख्यतः चार परतों से बनी है। आंतरिक कोर, बाहरी कोर, मेंटल और क्रस्ट। क्रस्ट और ऊपरी मेंटल कोर को लिथोस्फीयर कहा जाता है। यह 50 किलोमीटर मोटी परत कई खंडों में विभाजित है जिन्हें टेक्टोनिक प्लेट्स कहा जाता है। पृथ्वी के अंदर 7 प्लेटें हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जब ये प्लेटें बहुत ज्यादा हिलती हैं तो भूकंप महसूस होता है।

कैसे करें बचाव?
अगर अचानक भूकंप आए तो घर से बाहर खुले में जाएं। अगर आप घर में फंसे हैं तो बिस्तर या किसी मजबूत टेबल के नीचे छुप जाएं। घर के कोनों में खड़े होकर भी आप खुद को बचा सकते हैं। भूकंप के दौरान लिफ्ट का इस्तेमाल बिल्कुल न करें। खुली जगहों पर जाएं, पेड़ों और बिजली लाइनों से दूर रहें। इसके अलावा भूकंपरोधी घर भी उतने ही महत्वपूर्ण हैं। हालांकि यह ज्यादा महंगा नहीं है, लेकिन इसके प्रति लोगों में जागरूकता की कमी के कारण लोग अक्सर इसे नजरअंदाज कर देते हैं।

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