Delhi Water Crisis: दिल्ली जल संकट पर सर्वोच्च न्यायालय ने दिया बड़ा फैसला, हिमाचल प्रदेश छोड़ेगा 137 क्यूसेक पानी

सर्वोच्च न्यायालय ने 3 जून को अपर यमुना रिवर बोर्ड से दिल्ली में जल संकट के मद्देनजर केंद्र, दिल्ली, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के प्रतिनिधियों की बैठक 5 जून को बुलाने का निर्देश दिया था।

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सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) ने हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) को शुक्रवार (6 जून) से हर दिन 137 क्यूसेक पानी (Cusecs of Water) दिल्ली (Delhi) को छोड़ने का आदेश दिया है। जस्टिस प्रशांत मिश्रा (Justice Prashant Mishra) की अध्यक्षता वाली वेकेशन बेंच ने हरियाणा सरकार (Haryana Government) से कहा कि वह अपने क्षेत्र में पड़ने वाली नहर से पानी दिल्ली तक पहुंचने में सहयोग करे। सर्वोच्च न्यायालय 10 जून को अगली सुनवाई करेगा।

कोर्ट ने 10 जून तक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। आज सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की तरफ से पेश वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट को बताया कि कोर्ट के आदेश के अनुसार, हुई मीटिंग में हिमाचल प्रदेश पानी देने को तैयार है, लेकिन हरियाणा की तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया। तब जस्टिस केवी विश्वनाथन ने हरियाणा सरकार की ओर से पेश विक्रमजीत बनर्जी से कहा कि अगर हम इतने गंभीर मुद्दे पर संज्ञान नहीं लेते हैं तो इसका क्या मतलब है। अगर जरूरत पड़ी तो इसके लिए हम मुख्य सचिव को कहेंगे।

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दिल्ली में पानी की बर्बादी भी एक अहम मुद्दा
सर्वोच्च न्यायालय ने 3 जून को अपर यमुना रिवर बोर्ड से दिल्ली में जल संकट के मद्देनजर केंद्र, दिल्ली, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के प्रतिनिधियों की बैठक 5 जून को बुलाने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि यमुना रिवर बोर्ड की बैठक में इस बात पर विचार हो कि दिल्ली वालों को कैसे जल संकट से निजात मिल सकती है। सुनवाई के दौरान हिमाचल प्रदेश सरकार ने कहा था कि उसे दिल्ली को अतिरिक्त पानी देने में कोई परेशानी नहीं है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि दिल्ली में पानी की बर्बादी भी एक अहम मुद्दा है। दिल्ली को दिए जाने वाले पानी में से 52 फीसदी की बर्बादी होती है, जिसमें टैंकर माफिया और इंडस्ट्रीज द्वारा पानी की चोरी भी बड़ी वजह है।

दिल्ली की पानी की जरूरत बढ़ गई
याचिका में दिल्ली में पानी की किल्लत को देखते हुए हरियाणा और हिमाचल प्रदेश से एक महीने के लिए अतिरिक्त पानी दिए जाने का निर्देश देने की मांग की गई है। दिल्ली सरकार ने भीषण गर्मी का हवाला देते हुए कहा है कि दिल्ली की पानी की जरूरत बढ़ गई है। ऐसे में देश की राजधानी में पानी की जरूरत पूरा करना सबकी जिम्मेदारी है। इसलिए सीमावर्ती राज्य अतिरिक्त पानी दिल्ली को दें। (Delhi Water Crisis)

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