हरिद्वार में धर्म संसद में भड़काऊ भाषण के मामले में जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी को सर्वोच्च न्यायालय से बड़ी राहत मिली है। सर्वोच्च न्यायालय ने जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी को तीन महीने की अंतरिम जमानत दी है।
उत्तराखंड सरकार को नोटिस जारी
सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि जितेंद्र नारायण त्यागी ज़मानत के दौरान कोई विवादित बयान नहीं देंगे। सर्वोच्च न्यायालय ने 12 मई को वसीम रिजवी की जमानत अर्जी पर उत्तराखंड सरकार को नोटिस जारी किया था। जस्टिस अजय रस्तोगी की अध्यक्षता वाली बेंच ने रिज़वी को नसीहत दी थी कि आखिर माहौल खराब करने की ज़रूरत क्या है। शांति से सब साथ रहकर जिंदगी का आनंद लें।
ये भी पढ़ें – ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग मिलने पर शिव भक्त ऐसे व्यक्त कर रहे हैं खुशी!
रिजवी पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप
दरअसल, 17 से 19 नवंबर को हरिद्वार में धर्म संसद में वसीम रिजवी पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप है। इस मामले में यति नरसिंहानंद को भी गिरफ्तार किया गया था। यति नरसिंहानंद को जमानत मिल चुकी है जबकि वसीम रिजवी जेल में ही बंद हैं। बता दें कि 26 अप्रैल को सर्वोच्च न्यायालय ने 27 अप्रैल को उत्तराखंड के रुड़की में होनेवाले धर्म संसद के लिए राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा था कि भड़काऊ भाषण पर लगाम नहीं लगी तो उच्च अधिकारियों को जिम्मेदार माना जाएगा। सर्वोच्च न्यायालय की चेतावनी के बाद धर्म संसद आयोजित नहीं हो पाई थी।