पश्चिम बंगाल चुनाव : अब खुलकर बोलें जय श्रीराम!

जय श्रीराम के नारे लगाने को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई थी। जिसमें चुनावों के दौरान भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा इसका उपयोग करने पर प्रतिबंध की मांग की गई थी।

140

राज्य में जय श्रीराम के नारे लगाने पर तृणमूल पार्टी की नेता और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को गुस्सा क्यों आता है ये तो पता नहीं है। लेकिन अब कोई भी इस नारे पर पाबंदी नहीं लगा सकता। इस संबंध में सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई थी। जिसके अंतर्गत जय श्रीराम के नारे लगाने पर रोक की मांग की गई थी। जिसे सर्वोच्च न्यायालय ने ठुकरा दिया है।

  • याद करिये 23 जनवरी, 2021 की वो दोपहर विक्टोरिया मेमोरियल में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर आयोजित कार्यक्रम को। जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंच पर विराजित थे और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को संबोधन के लिए आमंत्रित किया गया। इसके बाद जनता ने ‘जय श्रीराम’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाने शुरू कर दिये। इससे तुनकी ममता बनर्जी ने अपना गुस्सा प्रकट करते हुए संबोधन से इन्कार कर दिया।
  • इसके और पहले जाइये और उस दिन को भी याद करिये जब 5 मई 2019 तो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चंद्रकना कस्बे से जा रही थीं। इस बीच आसपास से जय श्रीराम के नारे सुनाई पड़े। इससे आक्रोषित ममता बनर्जी गाड़ी से उतर गईं और भीड़ पर झपट पड़ीं।

ये भी पढ़ें – उत्तराखण्ड : इन दो कारणों से हो गई त्रिवेंद्र सिंह की छुट्टी?

दीदी को गुस्सा आया तो याचिका लगाया
भीड़ पर दीदी झपटीं तो उनके अफसर भी बीच बचाव करते दिखे। इसके कुछ दिनों बाद ही जय श्रीराम के नारे पर प्रतिबंध को लेकर अधिवक्ता एमएल शर्मा सर्वोच्च न्यायालय पहुंच गए। इस याचिका में मुद्दा उठाया गया कि, क्या जय श्रीराम का नारा लगाना सेक्शन 123(3) और 125 के अंतर्गत जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 का उल्लंघन तो नहीं है। याचिका के अनुसार जय श्रीराम का नारा या धार्मिक नारा लगाना जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के अंतर्गत भारतीय दंड संहिता में अपराध की श्रेणी में आता है।

ये भी पढ़ें – 42 को आतंकवादी संगठन घोषित कर केंद्र ने किया प्रतिबंधित!

बेंच ने खारिज कर दिया
सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने याचिकाकर्ता को कोलकाता उच्च न्यायालय जाने के लिए कहा जिसपर याचिकाकर्ता ने इसे चुनाव याचिका से अलग बताया। इसके बाद सर्वोच्च न्यायालय की तीन न्यायाधीशों की बेंच ने इस याचिका को खारिज कर दिया।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.