अमेरिकी उच्चतम न्यायालय की न्यायाधीश रूथ बेडर गिंसबर्ग का शुक्रवार को वाशिंगटन स्थित उनके घर में निधन हो गया। वे महिला अधिकारों की हिमायती थीं और सर्वोच्च अदालत की दूसरी महिला न्यायाधीश थीं। अदालत ने बताया कि गिंसबर्ग का निधन मेटास्टेटिक अग्नाशय कैंसर से हुआ है।
गिंसबर्ग का निधन अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से सात हफ्ते पहले हुआ है। ऐसे में यह देखना होगा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप उनके स्थान पर किसी को नामित करते हैं या फिर ये सीट तब तक खाली रहेगी जब तक की उनकी डेमोक्रेट उम्मीदवार जो बाइडेन के साथ चुनावी लड़ाई खत्म नहीं हो जाती।
मुख्य न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट्स ने गिंसबर्ग के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने एक बयान में कहा, ‘हमारे राष्ट्र ने एक ऐतिहासिक कद की न्यायविद को खो दिया है। शीर्ष अदालत ने एक सहकर्मी को खोया है। आज हम शोक मना रहे हैं, लेकिन हमें इस बात का विश्वास है कि आने वाली पीढ़ियां रूथ बेडर गिंसबर्ग को न्याय के हिमायती के तौर पर याद रखेंगी, जैसा कि हम उन्हें जानते हैं।’
गिंसबर्ग ने जुलाई में घोषणा की थी कि वे कीमोथेरेपी करवा रही हैं। उन्होंने अपने आखिरी साल उदारवादी विंग के निर्विवाद नेता के रूप में बिताए और अपने प्रशंसकों के बीच रॉक स्टार जैसी बन गईं। युवा महिलाएं उन्हें प्यार से नॉटिर्ल आरबीजी कहती थीं। उन्होंने महिलाओं और अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के प्रति लचीलापन दिखाया था।
कैंसर के साथ उनकी लड़ाई 1999 में शुरू हुई थी। उन्होंने 2016 के राष्ट्रपति अभियान के दौरान मीडिया साक्षात्कारों की एक श्रृंखला में ट्रंप का विरोध किया, जिसमें उन्हें फर्जी कहा गया था। हालांकि उन्होंने जल्द ही माफी मांग ली थी।
Join Our WhatsApp Community