सर्वोच्च न्यायालय में महाराष्ट्र के सत्ता संघर्ष को लेकर चल रही सुनवाई पूरी हो गई है। फरवरी महीने से सत्ता को लेकर कानूनी लड़ाई चल रही है। सुनवाई गुरुवार को पूरी होने के बाद मुख्य न्यायाधीश डी.वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि, इस पर निर्णय हम सुरक्षित रखते हैं।
सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे इन दोनों गुटों और राज्यपाल की ओर से दी गई दलीलों को सुना। पांच सदस्यीय खंडपीठ में मुख्य न्यायाधीश डी.वाई चंद्रचूड़ के अलावा न्यायाधीश एम.आर शाह, न्यायाधीश कृष्ण मुरारी, न्यायाधीश हिमा कोहली और न्यायाधीश पी.एस नरसिम्हा का समावेश है। शीर्ष न्यायालय ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे, नीरज किशन कौल, महेश जेठमलानी और अधिवक्ता अभिकल्प प्रताप सिंह की दलीलें सुनीं। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मामले में राज्यपाल के कार्यालय का प्रतिनिधित्व किया। जबकि उद्धव ठाकरे की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल, ए.एम सिंघवी, देवदत्त कामत और अधिवक्ता अमित आनंद तिवारी ने दलीलें रखीं।
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सर्वोच्च न्यायालय ने नौ दिनों की सुनवाई के बाद इस प्रकरण में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। यह सुनवाई जो 21 फरवरी से शुरू हुई थी।
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