नीट यूजी मामले (NEET UG Case) पर सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) ने गुरुवार (2 अगस्त) विस्तार से फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि सभी दलीलों को सुनने के बाद इस नतीजे पर पहुंचा गया है पेपर लीक (Paper Leak) का मामला सिस्टमैटिक फेलियर (Systematic Failure) नहीं है। कोर्ट ने कहा कि पेपर लीक बड़े पैमाने पर नहीं हुआ है।
लीक का मामला केवल पटना और हजारीबाग तक ही सीमित था। इससे पहले सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश दिया था कि परीक्षा दोबारा नहीं कराई जाएगी। कोर्ट ने कहा था कि इस बात का पर्याप्त सबूत नहीं है कि परीक्षा की पवित्रता का उल्लंघन हुआ है।
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परीक्षा में हुई गड़बड़ी!
नीट यूजी परीक्षा 5 मई को हुई थी। इसके बाद 4 जून को इसका रिजल्ट जारी किया गया था। रिजल्ट सामने आने के बाद कई छात्रों ने सर्वोच्च न्यायालय में परीक्षा में हुई गड़बड़ी के खिलाफ याचिका दायर की थी।
नीट पेपर लीक पर कोर्ट ने क्या कहा?
सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि हमने अपने फैसले पर एनटीए की सभी खामियों पर बात की। हम छात्रों के हित में एनटीए की खामियों को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं। कोर्ट ने केंद्र सरकार को कहा कि नीट परीक्षा की सभी खामियां इसी साल दूर कर लेनी चाहिए ताकि दोबारा कभी ऐसी गड़बड़ी न हो।
सर्वोच्च न्यायालय ने कई पहलुओं पर टिप्पणी की, जिनमें से एक नीट पेपर लीक मामला भी है। इस बारे में सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि नीट यूजी 2024 प्रश्नपत्र लीक व्यवस्थित नहीं था। यह लीक केवल पटना और हजारीबाग तक ही सीमित था।
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