केरल बम धमाके (Kerala bomb blasts)के पीछे जांच एजेंसियों को आतंकी संगठनों (terrorist organizations) का हाथ होने की आशंका हो रही है। इस विस्फोट से अब तक तीन लोगों की मौत होने की खबर आ रही है। जांच एंजेसियां (investigative agencies) इस धमाके की जिम्मेदारी लेते आत्मसमर्पण करने वाले डोमिनिक मार्टिन से पूछताछ कर रही हैं। वहीं ब्लास्ट में इस्तेमाल विस्फोटक के नमूनों को फोरेंसिक जांच के लिए भी भेजा गया है।
‘फिलिस्तीन बचाओ’ रैली में हमास के पूर्व प्रमुख का भड़काऊ भाषण
कलामासेरी की प्रार्थना सभा में बम विस्फोट में आतंकी संगठनों के हाथ होने का एक अन्य कारण भी हैं । हाल ही में केरल के मलप्पुरम में आतंकवाद के समर्थन में ‘फिलिस्तीन बचाओ’ (Save Palestine rally) नामक एक रैली निकाली गई थी। जमात-ए-इस्लामी हिंद (Jamaat-e-Islami Hind) द्वारा आयोजित इस रैली में आतंकवादी संगठन हमास का पूर्व प्रमुख खालिद मशाएल (Former Hamas chief Khaled Mashael) ने वर्चुअल संबोधित किया था। अपने संबोधन में उसने हिंदू और यहूदी धर्म को उखाड़ फेंकने का भड़काऊ भाषण दिया था। दूसरे केरल को पीएफआई का गढ़ भी माना जाता है। पीएफआई पर प्रतिबंध के बावजूद इसके दहशतगर्दी के इरादे के मामले जब-तब आते ही रहते हैं। जांच एजेंसियां इस धमाके में पीएफआई कनेक्शन पर नजर रखेंगी।
लगातार हुए दो विस्फोट
29 अक्टूबर की सुबह केरल के एर्नाकुलम जिले में कलामासेरी स्थित कन्वेंशन सेंटर (Convention Center) में बम धमाके उस समय हुए थे, जब ईसाइयों के एक सम्प्रदाय ‘यहोवा के साक्षी’ की प्रार्थना सभा चल रही थी। जानकारी के अनुसार उस समय वहां दो हजार लोग उपस्थित थे। प्रारंभिक जांच में पता चला कि लगातार दो विस्फोट हुए थे। इसके तुरंत बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन (Pinarayi Vijayan)से बात की और बम विस्फोट के बाद की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने NIA और एनएसजी को भी मौके पर पहुंचकर घटना की जांच करने का निर्देश दिया था।
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