Swatantrya Veer Savarkar Award: “कालापानी में सावरकर की रूह मेरा इंतजार कर रही है”- रणदीप हुड्डा

इस समारोह में स्वातंत्र्य वीर सावरकर फिल्म में विनायक दामोदर सावरकर यानी वीर सावरकर की भूमिका निभानेवाले अभिनेता रणदीप हुड्डा को विशेष पुरस्कार से सम्मानित किता गया।

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Swatantrya Veer Savarkar Award: स्वातंत्र्यवीर सावरकर जयंती (Swatantrya Veer Sawarkar Jayanti) (28 मई) के उपलक्ष्य में स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक (Swatantryaveer Savarkar Rashtriya Smarak) में 26 मई को पुरस्कार समारोह आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम स्वातंत्र्यवीर सावरकर ऑडिटोरियम में आयोजित किया गया। स्वातंत्र्यवीर सावरकर पुरस्कार – 2024 (Swatantrya Veer Sawarkar Award-2024) समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बिहार के राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर (Rajendra Arlekar) मौजूद थे।

इस समारोह में स्वातंत्र्य वीर सावरकर फिल्म में विनायक दामोदर सावरकर यानी स्वातंत्र्यवीर सावरकर की भूमिका निभानेवाले अभिनेता रणदीप हुड्डा (Randeep Hooda) को विशेष पुरस्कार से सम्मानित किता गया। स्वातंत्र्यवीर सावरकर की भूमिका निभाने वाले अभिनेता रणदीप हुड्डा को गणपति का शस्त्र ‘परशु’ देकर सम्मानित किया गया।

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मुझे यह नहीं पता था कि वजन भी घटानी पड़ेगी..
रणदीप हुड़्डा ने अपने भाषण की शुरुआत स्वातंत्र्यवीर की लिखी मराठी कविता ‘ने मजसी ने परत मातृभूमीला। सागरा, प्राण तळमळला’ पंक्तियों से की। उन्होंने कहा कि जब मैंने स्वातंत्र्यवीर के बारे में फिल्म के लिए अध्ययन शुरू किया तो मुझे उनके बारे में उतना नहीं पता था जितना होना चाहिए था। मुझे नहीं पता था कि मुझे वजन भी घटाना पड़ेगा और मुझे काला पानी भी जाना पड़ेगा। लोग काला पानी से निकलने की कोशिश करते थे और आज मेरी कोशिश है कि मैं आज उनकी जयंती( 28 मई) पर समय पर काला पानी पहुंच जाऊं।

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मैंने गुस्से में बनाई फिल्म
अभिनेता हुड्डा ने कहा कि मुझे फिल्म बनाने के क्रम में अध्ययन के समय यह जानकर आश्चर्य हुआ कि उनकी कहानी, उनका योगदान, उनका बलिदान, उनकी जिंदगी, जो सिर्फ देश को स्वतंत्रता दिलाने के एक ही मकसद से कटी थी, लाखों-करोड़ो हिंदुस्थानियों तक क्यों नहीं पहुंची? उसे क्यों छिपाया गया? कहीं न कहीं गुस्से में मैंने यह फिल्म बनाई। ताकि उनकी बातें, उनके विचार, उनकी जीवनी लोगो तक पहुंचे। वे बहुत बड़े लेखक थे, समाज सुधारक थे और एक न्यू एज थॉट के व्यक्ति थे। मेरी बनाई हुई फिल्म लोगों को पसंद आई। जब भी मैं कभी छुप कर फिल्म देखने जाता था, फिल्म ख़त्म होने के बाद लोग खड़े होकर तालियां बजाते थे। अब यह फिल्म 28 मई उनकी जयंती के दिन ही OTT पर आएगी। यह मेरी जिद्द थी कि यह फिल्म उनकी जयंती पर ही आये। उन्होंने अपने भाषण के अंतिम वाक्य में कहा कि ‘कालापनी में उनकी रूह मेरा इंतजार कर रही है।’

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