क्रांतिकारियों के शिरोमणि, प्रखर राष्ट्रभक्त, साहित्यकार और हिंदुत्वनिष्ठ जैसे विविध गुणों से परिपूर्ण स्वातंत्र्यवीर सावरकर ने जीवन काल में कई ऐसे कार्य किये जिनका लोहा विश्व ने माना और भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के स्वर्ण पृष्ठों में वह अंकित है। ऐसा ही एक स्वर्णिम अध्याय है मार्सेलिस के अथाह सागर में जहाज से कूदना। स्वातंत्र्यवीर सावरकर की जीवटता थी कि वे सदैव इसका विचार करते थे कि यदि जीवित हैं तो कारागृह से बाहर रहना चाहिए जिससे राष्ट्र को गुलामी की बेड़ियों से स्वतंत्र कराने के लिए कार्य कर सकें।
स्वातंत्र्यवीर सावरकर के क्रांतिकार्यों में एक महान घटना थी मार्सेलिस के समुद्र में कूदना। इस घटना को 111 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं, इस उपलक्ष्य में स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक और मराठी विज्ञान परिषद के संयुक्त तत्वावधान में एक ऑनलाइन व्याख्यान का आयोजन किया जा रहा है। इसमें स्वातंत्र्यवीर सावरकर ग्रंथों के अभ्यासक और भौतिकशास्त्र के प्राध्यापक डॉ.गिरिश पिंपले (नासिक) व्याख्यान देंगे। जिसका विवरण निन्मलिखित है।
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ऑनलाइन व्याख्यानमाला ‘विज्ञानवादी सावरकर’
दिनांक – 7 जुलाई, 2021
समय – सायं 6 बजे
व्याख्यान – नि:शुल्क
अधिक जानकारी और पंजीकरण इस संकेतस्थल पर करा सकते हैं https://mavipa.org/events/swrkr
इसे मराठी में पढ़ें – विज्ञानवादी सावरकर या विषयावर डॉ. गिरीश पिंपळे यांचे ऑनलाइन व्याख्यान
मराठी विज्ञान परिषद का कार्य
यह संस्था पिछले 56 वर्षों से विज्ञान प्रसार का कार्य कर रही है। महाराष्ट्र व महाराष्ट्र के बाहर रहनेवाले मराठी भाषियों के लिए विज्ञान परिषद के 72 विभाग कार्यरत् हैं। कोरोना की वर्तमान परिस्थिति में दूरदृष्टि के माध्यम से संस्था विभिन्न उपक्रमों को संचालित कर रही है। स्वातंत्र्यवीर सावरकर पर आधारित व्याख्यानमाला इसी उपक्रम का एक भाग है। इस संदर्भ में मराठी विज्ञान परिषद के कार्यवाह जयंत जोशी और स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के कार्यवाह राजेंद्र वराडकर ने संयुक्त रूप से जानकारी दी है।