Swati Maliwal case: बिभव कुमार को नहीं मिली बेल, ‘इतने’ दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया

उनके वकील रजत भारद्वाज ने 14 दिन की पुलिस हिरासत की मांग करने वाली दिल्ली पुलिस की याचिका का विरोध किया।

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Swati Maliwal case: दिल्ली की एक अदालत ने 31 मई (शुक्रवार) को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के सहयोगी बिभव कुमार (Bibhav Kumar) को स्वाति मालीवाल (swati maliwal) के साथ कथित मारपीट मामले (alleged assault case) में 14 दिन की न्यायिक हिरासत (judicial custody) में भेज दिया। कुमार को तीन दिन की पुलिस हिरासत खत्म होने के बाद दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में पेश किया गया।

उनके वकील रजत भारद्वाज ने 14 दिन की पुलिस हिरासत की मांग करने वाली दिल्ली पुलिस की याचिका का विरोध किया। कुमार ने कहा, “मैं जांच में हस्तक्षेप नहीं करने जा रहा हूं…मैंने खुद सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित रखने की प्रार्थना की थी। मैं खुद ही इसे सुरक्षित रखने की कोशिश कर रहा हूं, तो मैं सबूतों से छेड़छाड़ क्यों करूंगा।”

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प्रावधानों का घोर उल्लंघन
उन्होंने कहा, “सभी गवाह सरकारी कर्मचारी हैं और मैं उन्हें प्रेरित या धमकाने की स्थिति में नहीं हूं और मैंने जांच में शामिल होने के लिए एजेंसी के समक्ष पेश होने के लिए खुद को स्वेच्छा से पेश किया है और मैं भागने का जोखिम नहीं उठा रहा हूं।” इससे पहले शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय ने कुमार की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका की विचारणीयता के मुद्दे पर आदेश सुरक्षित रख लिया था। अपनी याचिका में बिभव कुमार ने अपनी गिरफ्तारी को अवैध और दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 41ए (पुलिस अधिकारी के समक्ष पेश होने का नोटिस) के प्रावधानों का घोर उल्लंघन और कानून के जनादेश के खिलाफ घोषित करने का निर्देश देने की मांग की है।

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केजरीवाल के आवास पर उन पर हमला
बिभव कुमार को आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल द्वारा 13 मई को केजरीवाल के आवास पर उन पर हमला करने का आरोप लगाने के कुछ दिन बाद 18 मई को गिरफ्तार किया गया था। मालीवाल ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि बिभव ने उन्हें “कम से कम सात से आठ बार थप्पड़ मारे” जबकि वह “चीखती रही” और “क्रूरता से घसीटा” और “छाती, पेट और श्रोणि क्षेत्र” पर “लात” मारी। कुमार के खिलाफ 16 मई को भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसमें महिला को निर्वस्त्र करने के इरादे से उस पर आपराधिक धमकी, हमला या आपराधिक बल का प्रयोग करना और गैर इरादतन हत्या करने का प्रयास करना शामिल है।

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