Tamil Nadu: फर्जी एनसीसी कैंप यौन उत्पीड़न मामले में मुख्य संदिग्ध की मौत, जानें क्या है मामला

पुलिस ने बताया कि शिवरामन नामक संदिग्ध ने 19 अगस्त को अपनी गिरफ़्तारी से पहले चूहे मारने की दवा खा ली थी।

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Tamil Nadu: तमिलनाडु (Tamil Nadu) के बरगुर क्षेत्र में एक फर्जी राष्ट्रीय कैडेट कोर (National Cadet Corps) (एनसीसी) शिविर (fake NCC camp) में एक स्कूली छात्रा के यौन उत्पीड़न (sexual harassment case) के मुख्य संदिग्ध (Main suspect) की शुक्रवार को कथित तौर पर आत्महत्या (suicide) कर ली गई।

पुलिस ने बताया कि शिवरामन नामक संदिग्ध ने 19 अगस्त को अपनी गिरफ़्तारी से पहले चूहे मारने की दवा खा ली थी। वह कृष्णागिरी के सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में पैर में फ्रैक्चर के लिए इलाज करवा रहा था, जो उसे पुलिस से भागने की कोशिश करते समय हुआ था।

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सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती
बाद में उसे बिगड़ती सेहत के कारण सलेम के सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया और आज उसकी मौत हो गई। शिवरामन उन 11 लोगों में से एक था, जिसमें स्कूल के अधिकारी भी शामिल थे, जिन्हें बरगुर ऑल वूमेन पुलिस ने गिरफ़्तार किया था। उसने फर्जी एनसीसी कैंप का आयोजन किया था, जिसमें आठवीं कक्षा की एक लड़की का यौन उत्पीड़न किया गया था और कई अन्य लड़कियों के साथ कथित तौर पर दुर्व्यवहार किया गया था। इस कैंप में 17 लड़कियों सहित लगभग 41 छात्र शामिल हुए थे। इस हमले का खुलासा तब हुआ जब लड़की ने अपने माता-पिता को अपनी आपबीती सुनाई, जिन्होंने फिर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।

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12 लड़कियों का यौन शोषण
राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने 21 अगस्त को कहा कि उसने तमिलनाडु के कृष्णागिरी में एक फर्जी राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) शिविर में एक लड़की के यौन उत्पीड़न और करीब 12 लड़कियों के यौन शोषण के बारे में मीडिया रिपोर्ट का स्वत: संज्ञान लिया है। आयोग ने कहा कि उसने चेन्नई के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को मामले की निष्पक्ष और समयबद्ध जांच सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।

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एनसीसी शामिल नहीं
एनसीसी ने अपनी ओर से स्पष्ट किया है कि उसने इलाके में कोई शिविर आयोजित नहीं किया और घटना में शामिल व्यक्ति का इससे कोई संबंध नहीं है। जिला प्रशासन ने भी कहा कि शिविर के आयोजन में एनसीसी शामिल नहीं थी। लड़कियों को जिला बाल संरक्षण इकाई के माध्यम से परामर्श और मनोवैज्ञानिक सहायता दी जा रही है। उनके माता-पिता को भी सहायता और परामर्श दिया जा रहा है।

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