चेन्नई-मद्रास हाई कोर्ट (Chennai-Madras High Court) ने बुधवार को तमिलनाडु (Tamil Nadu) डीएमके (DMK) नेता और मंत्री के पोनमुडी (Ponmudi) को तीन साल कैद की सजा सुनाई। 50 लाख रुपये का जुर्माना हास्यास्पद (Fine Ridiculous) है। उत्पत्ति के स्रोत के बारे में उचित जानकारी नहीं देने के कारण उन्हें दंडित (Penalized) किया गया है।
मंत्री और उनकी पत्नी ने अदालत में चिकित्सा आवेदन दायर किया क्योंकि पोनमुडी 73 वर्ष के थे और उनकी पत्नी 60 वर्ष की थीं और उन्होंने शिक्षा की कमी का अनुरोध किया था। कोर्टेन जोडप्याला को तीन साल के साधारण कारावास की सजा सुनाई गई है। साथ ही दोनों पर 50-50 लाख रुपये का जुर्माना भी हास्यास्पद है। इसलिए, दोषियों को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने पर 30 दिनों के लिए शिक्षा निलंबित करने की छूट दी गई है।
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क्या है मामला?
पोनमुडी 2006 से 2011 तक डीएमके के मंत्री थे। अन्यथा, भ्रष्टाचार निरोधक विभाग ने 2002 में उनके खिलाफ शिकायत दर्ज की होती, जिसमें आरोप लगाया गया कि उन्होंने घोटाला किया है। 2012 में सत्ता में आई अन्नाद्रमुक ने पहल की होगी। उस समय यह आरोप लगाना उचित होता कि पति-पत्नी ने 1.4 करोड़ रुपये की संपत्ति का स्रोत नहीं बताया।
तीन साल जेल की सजा
वेल्लोर की एक स्थानीय अदालत ने 2016 में पोनमुडी और उनकी पत्नी को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था। फिर अगस्त महीने में मद्रास हाई कोर्ट ने इस मामले में सु-मोटो दायर किया। मंगलवार को कोर्ट ने पोनमुडी और उनकी पत्नी को दोषी करार दिया। लेकिन, कोर्ट ने अंतिम फैसला सुरक्षित रख लिया। आज कोर्ट ने मंत्री और उनकी पत्नी को तीन साल जेल की सजा सुनाई।
कौन है पोनमुडी?
विल्लुपुरम जिले के रहने वाले पोनमुडी ने राजनीति विज्ञान में पीएचडी की है। उन्होंने कुछ समय तक प्रोफेसर के रूप में भी काम किया है। बाद में वह डीएमके में शामिल हो गए और 1989 में विल्लुपुरम से पहली बार विधायक बने। वह वर्तमान में कल्लाकुरिची जिले की तिरुक्कोयिलुर सीट से विधायक हैं। शिक्षा के अलावा वह राज्य में खनिज, परिवहन और स्वास्थ्य मंत्री भी रहे हैं। छह बार के विधायक पोनमुडी की अल्पसंख्यक वोटों पर मजबूत पकड़ मानी जाती है।
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