New Delhi: कितने वर्षों में सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली मौतों में आएगी 50 प्रतिशत की कमी? गडकरी ने किया यह दवा

नितिन गडकरी ने कहा 'सड़क सुरक्षा के 4ई' (4E's of Road Safety) -इंजीनियरिंग (सड़क और वाहन इंजीनियरिंग) - प्रवर्तन - शिक्षा और आपातकालीन चिकित्सा सेवा को मजबूत करने पर ध्यान देने के साथ-साथ सामाजिक व्यवहार में बदलाव बहुत जरुरी है।

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New Delhi: केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री (Minister of Road Transport & Highways) नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने 16 जनवरी को कहा कि सड़क सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और 2030 तक दुर्घटना से होने वाली मौतों को 50 प्रतिशत तक कम करने का लक्ष्य है। गडकरी ने ‘सड़क सुरक्षा – भारतीय सड़कें@2030 – सुरक्षा के स्तर को ऊपर उठाना’ विषय पर भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) (Confederation of Indian Industry) के राष्ट्रीय कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए कहा कि ‘सड़क सुरक्षा के 4ई’ (4E’s of Road Safety) -इंजीनियरिंग (सड़क और वाहन इंजीनियरिंग) – प्रवर्तन – शिक्षा और आपातकालीन चिकित्सा सेवा को मजबूत करने पर ध्यान देने के साथ-साथ सामाजिक व्यवहार में बदलाव बहुत जरुरी है। उन्होंने सड़क सुरक्षा बढ़ाने के लिए सभी पक्षों के सहयोग पर जोर दिया।

2022 में हुई 4.6 लाख सड़क दुर्घटनाएं
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सड़क दुर्घटना 2022 पर नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार 4.6 लाख सड़क दुर्घटनाएं हुईं, 1.68 लाख मौतें हुईं और 4 लाख गंभीर घायल हुए। उन्होंने बताया की देश में हर घंटे 53 सड़क दुर्घटनाएं होती हैं और 19 मौतें होती हैं। गडकरी ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं पिछले साल से 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, सड़क दुर्घटनाओं के कारण होने वाले मृत्यु में 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जिसके परिणामस्वरूप सकल घरेलू उत्पाद को 3.14 प्रतिशत का सामाजिक-आर्थिक नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि 60 प्रतिशत मौतें 18 से 35 वर्ष की युवा आयु वर्ग में होती हैं। उन्होंने बताया कि दुर्घटना में मृत्यु एक परिवार में कमाने वाले की हानि, काम देनेवाला के लिए पेशेवर क्षति और अर्थव्यवस्था के लिए समग्र क्षति है।

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ड्राइवरों के स्वास्थ्य पर दिया जोर
गडकरी ने कहा कि नागरिकों के बीच अच्छे यातायात व्यवहार के लिए पुरस्कार की प्रणाली से नागपुर में सकारात्मक परिणाम मिले हैं। केंद्रीय मंत्री ने ड्राइवरों की नियमित आंखों की जांच पर जोर दिया और संगठनों से अपनी कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी के तहत इसके लिए मुफ्त शिविर आयोजित करने को कहा। उन्होंने कहा कि स्कूल, कॉलेजों के बीच शिक्षा और जागरूकता, एनजीओ, स्टार्ट-अप, प्रौद्योगिकी प्रदाताओं, आईआईटी, विश्वविद्यालयों, यातायात और राजमार्ग प्राधिकरणों के साथ सहयोग सड़क सुरक्षा के लिए अच्छी प्रथाओं को फैलाने का रास्ता है।

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