पत्रकार तरुण तेजपाल को गोवा कोर्ट से राहत मिल गई है। न्यायालय ने उन्हें निर्दोष मुक्ति दे दी है। उन पर एक महिला पत्रकार ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था।
तरुण तेजपाल एक मैगजीन के संस्थापक और मुख्य संपादक हैं। उन पर एक कनिष्ठ महिला सहकर्मी द्वारा 2013 में लगाए गए आरोप की सुनवाई गोवा के मपुसा जिला व सत्र न्यायालय में चल रही थी। इस प्रकरण में सुनवाई करते हुए न्यायाधीश क्षमा जोशी ने पिछली सुनवाई में आदेश को रिजर्व रखा था। इसकी सुनवाई एन कैमरा चल रही थी।
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यह थी घटना
गोवा के बांबोलिम क्षेत्र में स्थित पांच सितारा होटल में 7-8 नवंबर 2013 को यह घटना हुई थी। जिसमें तरुण तेजपाल के साथ कनिष्ठ के रूप में कार्य कर रही महिला पत्रकार ने आरोप लगाया था कि होटल की लिफ्ट में तरुण तेजपाल ने उसके साथ अश्लील हरकत की थी। वे वहां पर ‘थिंक 13’ फेस्टिवल में सम्मिलित होने गए थे।
नवंबर 18, 2013 में इस प्रकरण में पीड़िता महिला पत्रकार ने मैगजीन की तत्कालीन प्रबंध संपादक शोमा चौधरी से इस विषय में शिकायत की थी। इसके दूसरे दिन तरुण तेजपाल में माफीनामे का एक लंबा ईमेल भेजा था।
मैं बिना शर्त माफी मांगता हूं, अपने शर्मनाक गलत निर्णय के कारण मैंने 7 और 8 नवंबर 2013 को दो अवसरों पर आपसे यौन संपर्क का प्रयत्न किया वह भी तब जब आपकी ओर से ऐसे किसी भी आचरण के लिए स्पष्ट इन्कार था।
इस प्रकरण की शिकायत मिलने पर पुलिस ने तरुण तेजपाल को भारतीय दंड संहिता की धारा 341, 342, 354, 354(1)(i)(ii), 354बी, 376(2)(एफ), 376(2)(के) के अंतर्गत प्रकरण दर्ज किया गया था। यह प्रकरण सात वर्षों तक चला।
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हो चुके हैं गिरफ्तार
तरुण तेजपाल को इस प्रकरण में 22 नवंबर, 2013 को गोवा पुलिस ने स्वत: संज्ञान लेते हुए गिरफ्तार कर लिया। इस पर तरुण तेजपाल ने भाजपा पर फंसाने का आरोप लगाया था। 30 नवंबर, 2013 को गोवा के स्थानीय न्यायालय ने उनकी जमानत याचिका को ठुकरा दिया था। इसके पश्चात उन्हें सर्वोच्च न्यायालय से गिरफ्तारी के आठ माह बाद जुलाई 2014 में जमानत मिली।