Maratha Reservation: शिक्षा और सरकारी नौकरियों में मराठा समुदाय को दस फीसदी आरक्षण, शिंदे कैबिनेट ने बिल के मसौदे को दी मंजूरी

महाराष्ट्र में मराठा समुदाय को दस फीसदी आरक्षण दिया जाएगा। राज्य में पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा दी गई रिपोर्ट को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। विशेष सत्र से पहले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को मंजूरी दे दी गयी।

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मराठा प्रदर्शनकारी (Maratha Protesters) मनोज जारांगे पाटिल (Manoj Jarange Patil) की अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल (Indefinite Hunger Strike) का ग्यारहवां दिन है। वह इस मांग पर अड़े हैं कि मराठा समुदाय (Maratha Community) को ओबीसी (OBC) से आरक्षण (Reservation) मिलना चाहिए। उन्होंने सरकार को चेतावनी भी दी है कि अगर नोटिफिकेशन तुरंत लागू नहीं किया गया तो हम 21 फरवरी को आंदोलन (Movement) की दिशा तय करेंगे। (Maratha Reservation)

इसी पृष्ठभूमि में मंगलवार (20 फरवरी) को राज्य सरकार ने मराठा आरक्षण को लेकर विधानमंडल का विशेष सत्र बुलाया है। कई लोगों का मानना है कि इससे मराठा आरक्षण का मुद्दा सुलझ जाएगा। इसी तरह दस फीसदी आरक्षण पर पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को कैबिनेट में मंजूरी दे दी गई है। इसके अनुसार, अब मराठा समुदाय को शिक्षा और रोजगार में दस फीसदी आरक्षण दिया गया है।

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महाराष्ट्र में मराठा समुदाय को दस फीसदी आरक्षण
महाराष्ट्र में मराठा समुदाय को दस फीसदी आरक्षण दिया जाएगा। राज्य में पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा दी गई रिपोर्ट को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। विशेष सत्र से पहले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को मंजूरी दे दी गयी। एकनाथ शिंदे जल्द ही विधानमंडल सत्र में बिल पेश करेंगे। पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट में भी कहा गया है कि मराठा समुदाय पिछड़ा हुआ है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ऐसी असाधारण परिस्थितियां हैं जहां 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण की आवश्यकता होती है।

मनोज जारांगे पाटिल ने ली प्रेस कॉन्फ्रेंस
मनोज जारांगे पाटिल ने विशेष सत्र से पहले मंगलवार सुबह अंतरवाली सराती में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि विधानसभा में पारित होने जा रहे मराठा आरक्षण बिल से अगर परिजनों को आरक्षण नहीं मिलेगा तो बहुसंख्यक समुदाय को कोई फायदा नहीं होगा।

क्या बोले मनोज जारांगे पाटिल? 
मराठा समुदाय पिछले पांच-छह महीने से संघर्ष कर रहा है। हमने एक मांग की और सरकार दूसरी मांग कर रही है। मराठा आरक्षण कानून को लेकर राज्य सरकार ने सत्र बुलाया है। लेकिन इस कानून के तहत सिर्फ 150 से 200 मराठों को ही अलग से आरक्षण का लाभ मिलेगा। आज करोड़ों मराठों की मांग है कि हमें ओबीसी श्रेणी में आरक्षण दिया जाए। साढ़े तीन महीने पहले, सरकार ने उन लोगों के लिए निकटतम रिश्तेदार कानून पारित करने का वादा किया था जिनके कुनबी रिकॉर्ड नहीं मिले थे। फिर उस पर अमल करें। विशेष सत्र की शुरुआत में सहयोगी दलों के मुद्दे तुरंत उठाएं और उन पर तुरंत अमल करें। मनोज जारांगे पाटिल ने चेतावनी दी कि अन्यथा राज्य में मराठा समुदाय का भयानक आंदोलन होगा।

देखें यह वीडियो- 

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