पिछले कुछ दिनों से कश्मीर में बढ़ती आतंकी हमले के मद्देनजर त्योहारी मौसम में देश की राजधानी दिल्ली समेत मुंबई, बैंगलुरू और हैदराबाद जैसे शहरों में भी आतंकी घटनाएं घटने की आशंका बढ़ गई है। इस बारे में देश की खुफिया एजेसियों ने सरकार तथा प्रशासन को सतर्क रहने की हिदायत दी है। कश्मीर में शांति बहाली होते देख पाकिस्तान समर्थिक आतंकी हिंदुओं को निशाना बनाकर घाटी के माहौल को फिर से खराब करने की साजिश रच रहे हैं। हालांकि केंद्र सरकार इसे गंभीरता से ले रही है और उसने केंद्र से उनके सफाए के लिए आतंक रोधी एक्सपर्ट की एक टीम को घाटी में भेजा है।
खुफिया अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार घाटी के साथ ही देश के महानगर भी आतंकियों के निशाने पर हैं और नवरात्रि तथा दिवाली में मौका देखकर वे भीड़भाड़ वाली जगहों को अपना निशाना बना सकते हैं। दिल्ली और मुंबई पहले से ही आतंकियों के निशाने पर रही हैं। अब इसमें बैंगलुरू के साथ ही हैदराबाद जैसे शहर भी जुड़ गए हैं।
दिल्ली पुलिस आयुक्त ने की बैठक
दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश आस्थाना ने देश की राजधानी में आतंकी हमले के खतरे के मद्देनजर अपने शीर्ष अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की है। उन्होंने त्योहारी सीजन के दौरान आतंकवादी हमले के इनपुट मिलने के बाद आतंकवाद रोधी उपायों पर चर्चा की। उन्होंने इसके लिए कुछ गोपनीय रणनीति तैयार कर उस पर अमल करने के आदेश भी अपने अधिकरियों को दिए हैं। बैठक में इस बात पर गंभीरता से विचार किया गया कि स्थानीय अपराधी, गैंगस्टर और रुढ़िवादी तत्व इस तरह के हमले में उनकी मदद कर सकते हैं।
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इन स्थानों की निगरानी के आदेश
पुलिस आयुक्त ने कहा कि साइबर कैफे, रासायनिक दुकान, पार्किंग स्थल, कबाड़ और कार डीलरों की पेशेवर रुप से जांच और निगरानी की जानी चाहिए। खुफिया एजेंसियों से मिली इनपुट के अनुसार वे पेट्रोल पंप और पेट्रोल टैंकर्स को निशाना बना सकते हैं। पुलिस आयुक्त ने किराएदारों और श्रमिको के सत्यापन के लिए अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं।
देश की आर्थिक राजधानी को भी खतरा
आतंकी हमले के मद्देनजर मुंबई में भी सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। यहां के रेलवे स्टेशनों प सात हजार सीसीटीवी लगाए गए हैं। साथ ही जांच-पड़ताल बढ़ा दी गई है। पिछले दिनों दिल्ली में छह आतंकी गिरफ्तार किए गए थे। मिली जानकारी के अनुसार ये देश के कई शहरों में बड़ी साजिश को अंजाम देने का षड्यंत्र रच रहे थे। इनमें से दो को पाकिस्तान के टेरर कैंप में ट्रेनिंग भी दी गई थी। ये सभी पाकिस्तान के इशारे पर देश में आतंक फैलाने की फिराक में थे। इनके तार मुंबई से भी जुड़े हुए थे।