North India में 500 से ज्यादा नवजात बच्चों का सौदा करने वाले गिरोह के सरगना को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपित की पहचान ओडिशा निवासी संग्राम दास (38) के रूप में हुई है।
बेगमपुर थाना पुलिस ने पंजाब और दिल्ली में की छापेमारी
इसी साल 20 फरवरी को रोहिणी जिला के बेगमपुर थाना पुलिस ने पंजाब और दिल्ली में छापेमारी कर नौ लोगों को गिरफ्तार किया था। इनके पास से एक नवजात बच्ची भी बरामद हुई थी। जांच हुई तो पता चला कि मुख्य आरोपित स्रग्राम दास फरार है। पुलिस की कई टीमें उसकी तलाश में दिल्ली-एनसीआर, ओडिशा और पश्चिम बंगाम में छापेमारी कर रही थी।
संग्राम दास भगोड़ा घोषित
अदालती कार्रवाई के दौरान कोर्ट ने संग्राम दास को भगोड़ा घोषित कर दिया था। वह लगातार अपनी लोकेशन बदलकर पुलिस को चकमा दे रहा था। पुलिस की टीम करीब 1500 किलोमीटर तक उसका पीछा करती रही। आखिर में उसे कोलकाता, पश्चिम बंगाम से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस उससे पूछताछ कर मामले की छानबीन कर रही है।
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गिरोह के नौ आरोपी गिरफ्तार
क्राइम ब्रांच के डीसीपी संजय कुमार सेन ने बताया कि नवजात की खरीद-फरोख्त गिरोह का खुलासा हुआ तो नौ लोग पकड़ गए। इसमें एक ही परिवार की मां-बेटी समेत तीन महिलाएं शामिल थीं। इनकी पहचान देवकी (56), इसका बेटा पीयूष अग्रवाल (30), बेटी प्रिया (26), पंजाब निवासी पूजा (36), सिमरनजीत कौर (36), झोलाछाप बिंदर कौर (42) राजेंद्र (37) और रमन (36) के रूप में हुई।
उस समय इनके पास से 10 से 15 दिन की एक नवजात बच्ची बरामद हुई। आरोपिताें ने बच्ची को पंजाब के मुक्तसर से 50 हजार रुपये में खरीदा था। गिरोह बच्ची को 12 से 15 लाख रुपये में बेचने की फिराक में था। इस मामले में मुख्य आरोपित संग्राम दास लगातार फरार चल रहा था। पूरे उत्तर-भारत के नेटवर्क को यह ही संभालता था।
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