प्रयागराज (Prayagraj) महाकुंभ (Maha Kumbh) में भगदड़ (Stampede) से हुई मौतों का मामला सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) पहुंच गया है। अधिवक्ता विशाल तिवारी ने याचिका दायर (Petition Filed) कर महाकुंभ में मची भगदड़ पर स्टेटस रिपोर्ट और भगदड़ के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है। याचिका में प्रयागराज कुंभ मेला क्षेत्र में सभी राज्यों के सुविधा केंद्र खोलने की मांग की गई है, ताकि गैर हिंदी भाषी लोगों को असुविधा न हो।
याचिका में वीआईपी मूवमेंट पर सवाल उठाते हुए मांग की गई है कि ऐसे आयोजनों में वीआईपी मूवमेंट सीमित होनी चाहिए, ताकि आम लोगों के लिए ज्यादा से ज्यादा जगह का इस्तेमाल हो सके। याचिका में बड़े धार्मिक आयोजनों में भगदड़ से बचने और लोगों को सही जानकारी देने के लिए देश की प्रमुख भाषाओं में डिस्प्ले बोर्ड लगाने और राज्यों द्वारा तीर्थयात्रियों को मोबाइल, व्हाट्सएप पर जानकारी देने की मांग की गई है।
यह भी पढ़ें – Maha Kumbh 2025: मौनी अमावस्या के बाद महाकुंभ के वीआईपी पास रद्द, वाहनों की प्रयागराज में नो एंट्री
याचिका में क्या मांगें हैं?
कुंभ मेला क्षेत्र में सुविधा केंद्र
याचिका में कुंभ मेला क्षेत्र में सभी राज्यों द्वारा सुविधा केंद्र खोलने की मांग की गई है, ताकि गैर-हिंदी भाषी लोगों को सुविधा मिल सके।
वीआईपी मूवमेंट पर ठहराव
याचिका में मांग की गई है कि ऐसे आयोजनों में वीआईपी मूवमेंट सीमित होनी चाहिए, आम आदमी के लिए अधिकतम जगह रखी जानी चाहिए।
मेडिकल हेल्प डेस्क
याचिका में मांग की गई है कि कुंभ जैसे बड़े धार्मिक आयोजनों में देश के अन्य राज्यों से आने वाले गैर-हिंदी भाषी लोगों की सुविधा के लिए सभी राज्यों द्वारा कुंभ में मेडिकल हेल्प डेस्क की स्थापना की जानी चाहिए।
अब तक कुल 27.58 करोड़ लोग स्नान कर चुके हैं
बता दें कि अभी तक स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की कुल संख्या 27.58 करोड़ है। वहीं महाकुंभ में 10 लाख लोग कल्पवास में हैं। प्रयागराज महाकुंभ में आज अब तक 6.99 करोड़ लोगों ने संगम में डुबकी लगाई है। प्रशासन ने सिर्फ 2 घंटे में 1 करोड़ 28 लाख लोगों को स्नान कराया।
देखें यह वीडियो –
Join Our WhatsApp Community