अधिकार की संस्कृति से आगे निकल चुकी है औचित्य की संस्कृतिः राजनाथ

रक्षामंत्री ने कहा है कि पिछले नौ वर्षों में अंतर्राष्‍ट्रीय मंच पर भारत का महत्‍व बढ़ा है और विश्‍व में अब भारत की बात ध्‍यान से सुनी जाती है।

141

लखनऊ में संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) सिविल सेवा परीक्षा के सफल उम्मीदवारों की एक सभा को संबोधित करते हुए, रक्षा मंत्री ने कहा कि एक समय था जब समाज में अधिकार की संस्कृति हुआ करती थी, अब न्‍यायोचित संस्कृति अधिकार की संस्कृति से आगे निकल गई है। क्योंकि जन समुदाय संचार के नए साधनों के साथ शिक्षित और अधिक जागरूक हो रहे हैं। सिंह ने इस बात को रेखांकित किया कि जैसे-जैसे समाज प्रगति और समृद्धि के पथ पर आगे बढ़ रहा है, सामंती व्यवस्था और मानसिकता कम होती जा रही है और ऐसे में जनता की अपेक्षाओं और आकांक्षाओं पर खरा उतरना नौकरशाहों और नेताओं की क्षमता का मापदंड है।

यह भी पढ़ें – पीएम मोदी संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में करेंगे सामूहिक योग प्रदर्शन का नेतृत्व

राजनाथ सिंह ने लोक सेवकों का आह्वान किया कि वे जन समुदाय की अपेक्षाओं और आकांक्षाओं पर खरा उतरें और उनके साथ सक्रिय रूप से जुड़कर सरकार में लोगों का विश्वास अर्जित करें। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि यदि अगर नौकरशाह जन समुदाय के साथ सरलता से जुड़ते हैं तो लोकतंत्र में लोगों का विश्वास कई गुना बढ़ जाएगा।

रक्षामंत्री ने कहा है कि पिछले नौ वर्षों में अंतर्राष्‍ट्रीय मंच पर भारत का महत्‍व बढ़ा है और विश्‍व में अब भारत की बात ध्‍यान से सुनी जाती है। सिंह ने जोर देकर कहा कि अब अमेरिका जैसी महाशक्ति भारत के प्रधानमंत्री का स्‍वागत करने के लिए लगन से तैयारी करती है और विदेशी मीडिया भारत की सफलता की गाथा के बारे में बात करता है।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.