कैट क्यू वायरस के प्रकोप की आशंका से सहमी पूरी दुनिया

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद( आईसीएमआर) ने भी भारत सरकार को इस वायरस को लेकर आगाह किया है और सावधान रहने की सलाह दी है। मिली जानकारी के अनुसार ये वायरस भारत में भी प्रकोप फैला सकता है। विशेषज्ञों ने बताया है कि ये वायरस क्यूलेक्स मच्छरों के आलावा सूअरों मे भी पाया जाता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कि यह वायरस इंसान में ज्वर की बीमारी मेनिंजाइटिस और बच्चों में इन्सेफलाइटिस की समस्या पैदा करेगा।

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मुंबई। कोरोना वायरस से जहां विश्व भर के ज्यादातर देशों में तबाही का दौर जारी है, वहीं विशेषज्ञों ने एक और वायरस के खतरे की आशंका व्यक्त की है। कोरोना वायरस की तरह ही कैट क्यू वायरस नामक यह वायरस भी चीन की ही देन है। विशेषज्ञों ने दावा किया है कि यह वायरस भी कोरोना की तरह ही काफी खतरनाक है। बताया जा रहा है कि चीन और वियतमान में इस वायरस का प्रकोप बड़े पैमाने पर शुरू हो गया है।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद( आईसीएमआर) ने भी भारत सरकार को इस वायरस को लेकर आगाह किया है और सावधान रहने की सलाह दी है। मिली जानकारी के अनुसार ये वायरस भारत में भी प्रकोप फैला सकता है। विशेषज्ञों ने बताया है कि ये वायरस क्यूलेक्स मच्छरों के आलावा सूअरों मे भी पाया जाता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कि यह वायरस इंसान में ज्वर की बीमारी मेनिंजाइटिस और बच्चों में इन्सेफलाइटिस की समस्या पैदा करेगा।
वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी
वैज्ञानिकों ने अपनी चेतावनी में कहा है कि भारत में भी क्यूलेक्स मच्छरों में कैट क्यू वायरस जैसा ही कुछ मिला है। कैट क्यू वायरस (सीक्यूवी) मुख्यतः सूअरों में ही पाया जाता है और चीन के पालतू सूअरों में इस वायरस के खिलाफ पनपी ऐंटीबॉडीज पाई गई हैं। फिलहाल मिली जानकारी के अनुसार कैट क्यू वायरस ने चीन में स्थानीय स्तर पर अपना प्रकोप फैलाना शुरू कर दिया है। हालांकि चीन ने इसकी पुष्टि नहीं की है।
भारत में भी खतरा
वैज्ञानिकों के अनुसार भारत में दो लोगों के सिरम सैंपलों में एंटी-सीक्यूवी आईजीजी एंटीबॉडी मिली है। आईसीएमआर की मेडिकल पत्रिका आईजेएमआर के अनुसार, ये दोनों सैंपल कर्नाटक में साल 2014 और साल 2017 में लिए गए थे। आईसीएमआर के वैज्ञानिकों ने आगाह किया है कि इस वायरस का संक्रमण फैला तो सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट खड़ा हो सकता है।

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