असम में 22 मई को बाढ़ की स्थिति में धीरे-धीरे सुधार होता दिखाई दिया। 21 मई को जहां बाढ़ से 31 जिले प्रभावित थे, वहीं 22 मई को प्रभावित जिलों की संख्या घटकर 22 हो गयी।
प्रभावित जिलों के नाम
असम आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से 22 मई की रात जारी सूचना के अनुसार असम के 36 में से 22 जिलों के 64 राजस्व सर्किल बाढ़ से प्रभावित हैं। प्रभावित जिलों में बरपेटा, बिश्वनाथ, कछार, दरंग, धेमाजी, धुबरी, ग्वालपारा, गोलाघाट, हैलाकांदी, होजाई, जोरहाट, कामरूप, कामरूप (मेट्रो), कार्बी आंगलोंग वेस्ट, करीमगंज, लखीमपुर, माजुली, मोरीगांव, नगांव, नलबाड़ी, शोमितपुर, उदलगुरी शामिल हैं।
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प्रभावित लोगों को आवश्यक सामग्रियों का वितरण
विभाग के अनुसार 22 जिलों के 2095 गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है, जिसकी वजह से 719425 नागरिक प्रभावित हुए हैं। बाढ़ के पानी में कुल 95473.51 हेक्टेयर खेती की भूमि पानी में डूब गयी है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में कुल 269 राहत शिविर खोले गये हैं जबकि 152 राहत वितरण शिविर स्थापित किये गये हैं, जहां से प्रभावित लोगों को आवश्यक सामग्रियों का वितरण किया जा रहा है। राहत शिविर में कुल 91518 लोग रह रहे हैं। इनमें 18626 बच्चे तथा 187 गर्भवती महिलाएं भी शामिल हैं। 22 मई को नगांव, कछार और होजाई जिला में कुल छह व्यक्ति बाढ़ के पानी में डूब गये हैं।
पशु भी प्रभावित
बाढ़ में इंसानों के साथ ही पशु भी बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। कुल 269886 पशु प्रभावित हुए हैं, जिसमें 120376 बड़े, 72428 छोटे तथा 77082 पोल्ट्री शामिल हैं। 22 मई को बाढ़ के दौरान 12 कच्चे मकान पूरी तरह से नष्ट हो गए। राहत एवं बचाव कार्य में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, अग्निशमन, स्थानीय पुलिस कर्मी जुटे हुए हैं। बाढ़ प्रभावित इलाकों में कुल 13 नावों के जरिए राहत और बचाव कार्य चलाया। 22 मई को कुल 253 लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से नावों के जरिए निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। 3 पशुओं को भी नावों के जरिए बचाया गया है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में 42 स्वास्थ्य टीमें भी अपनी सेवाएं दे रही हैं।
सड़क, पुल को भी पहुंचा नुकसान
22 मई को बाढ़ प्रभावित लोगों के बीच 1237.79 क्विंटल चावल, 210.48 क्विंटल दाल, 67.06 क्विंटल नमक, 3055.74 लीटर सरसों का तेल के अलावा पशु का चारा -गेंहू का भूसा 668.48 क्विंटल, मवेशी चारा – चावल की भूसी 276.70 क्विंटल भी वितरित किया गया। बाढ़ के चलते सड़क, पुल आदि को भी नुकसान पहुंचा है।