पर्यावरण का क्षरण देश पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है। इसका प्रभाव उत्तराखंड में जोशीमठ में देखने को मिला है। इस जगह पर बने 2000 घरों की पहाड़ी बस्ती को खाली कराया जा रहा है। यहां कभी भी भूस्खलन की आशंका है। इसको लेकर पूरे देश में हड़कंप मचा हुआ है, लेकिन अब इस बात की चर्चा शुरू हो गई है कि देशभर के अन्य राज्यों में जोशीमठ कहां- कहां हैं। देश की आर्थिक राजधानी और अंतरराष्ट्रीय शहर कहे जाने वाले मुंबई शहर की भी खास चर्चा है।
मुंबई में जोशीमठ कहां-कहां हैं?
लगभग 35,000 झोपड़े मालाबार हिल, गोरेगांव, कुर्ला, घाटकोपर, असल्फा गांव, सूर्यनगर, विक्रोली पार्कसाइट, एंटॉप हिल, चेंबूर वाशिनाका, भांडुप, मलाड अप्पा पाड़ा, कांदिवली कुर्ला की कसईवाड़ी हिल पर स्थित हैं। इन झोपड़पट्टी बस्तियों में से कुछ घर कच्चे माल की बने हैं और कुछ कंक्रीट के हैं। इन झोपड़ों को लेकर महानगरपालिका और जिला कलेक्टरों ने कोई समाधान नहीं किया है।
281 बस्तियां खतरनाक
पिछले वर्ष मुंबई के पहाड़ियों पर स्थित 281 बस्तियों को मानसून के दौरान खतरनाक घोषित किया गया था। आईआईटी द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण में कई झुग्गियों के स्थायी पुनर्वास का सुझाव दिया गया था। लेकिन यह फैसला अभी तक कागजों पर ही है। मानसून आने पर महानगर पालिका इन बस्तियों का निरीक्षण करती है। खतरनाक जगहों पर झोपड़ियों को नोटिस जारी कर तुरंत झोपड़ियां खाली करने के निर्देश देती हैं। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। कुर्ला ‘एल’ डिवीजन में जरीमरी, सुंदरबाग, संजय नगर, खाड़ी नंबर 3, मोहिली गांव सभी पहाड़ी क्षेत्र हैं। मानसून के दौरान हर बार भूस्खलन के कारण दुर्घटनाएं होती हैं।
मानवीय गलतियों ने शहरी इलाकों को बना दिया है खतरनाक
पिछले 19 साल के इतिहास पर नजर डालें तो इन इलाकों में 25 से ज्यादा भूस्खलन हो चुके हैं। इसलिए उत्तराखंड जैसी मानवीय गलतियों ने शहरी इलाकों को खतरनाक बना दिया है। इसी तरह, इस तथ्य से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि मुंबई के शहरी क्षेत्रों का एक बड़ा हिस्सा भी जोशीमठ बन गया है।