फिल्म द केरला स्टोरी की कहानी हिंदू लड़कियों को धोखा देकर हिंदू धर्म से नफरत करना सिखाने, उन्हें शादी से पहले गर्भवती करने, फिर उन्हें इस्लाम में परिवर्तित करने और बाद में उन्हें अफगानिस्तान ले जाने तथा आईएसआईएस जैसे आतंकवादी संगठनों को सौंपने और उन्हें वेश्याओं के रूप में इस्तेमाल करने की कथित यथार्थवादी कहानी पर आधारित है। इन दिनों फिल्म द केरला स्टोरी पर की स्थानों पर विवाद चल रहा है। एक तरफ जहां इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा रखा है, वहीं दूसरी तरफ कुछ स्थानों पर इस फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग हो रही है। इसी क्रम में इस फिल्म की स्क्रीनिंग को लेकर पुणे के FTII में दो गुटों में मारपीट हो गई।
फिल्म के समर्थकों और विरोधियों में मारपीट
फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया यानी पुणे के एफटीआईआई में फिल्म की स्क्रीनिंग के दौरान 20 मई को फिल्म (द केरला स्टोरी) के समर्थकों और विरोधियों के बीच मारपीट हो गई। फिल्म द केरला स्टोरी का शो नीति संस्था के माध्यम से आयोजित किया गया था। इस दौरान एफटीआईआई के कुछ छात्रों ने शो के खिलाफ नारेबाजी की और शो बंद करने की मांग की। दिलचस्प बात यह है कि इस शो के समय फिल्म के निर्माता और निर्देशक भी मौजूद थे।
डायरेक्टर सुदीप्तो सेन और प्रोड्यूसर विपुल शाह शामिल भी थे मौजूद
स्क्रीनिंग में ‘द केरला स्टोरी’ के डायरेक्टर सुदीप्तो सेन और प्रोड्यूसर विपुल शाह शामिल हुए। स्क्रीनिंग में शामिल हुए कुछ लोगों ने शो के बाद फिल्म के समर्थन में नारेबाजी की, जिससे कुछ लोग नाराज हो गए। उन्होंने फिल्म के विरोध में प्रदर्शन शुरू कर दिया। उसके बाद अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे छात्र भी प्रदर्शनकारियों में शामिल हो गए और 2020 बैच के निलंबित छात्रों की बहाली की मांग को लेकर नारेबाजी की।
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पुलिस ने किया हस्तक्षेप
पुलिस उपायुक्त संदीप सिंह गिल के नेतृत्व में पुलिस दल ने तुरंत हस्तक्षेप किया और दोनों समूहों को शांत किया। फिल्म के निर्माता शाह ने कहा, “मुझे खुशी है कि मेरी फिल्म (द केरला स्टोरी) हमारे देश के प्रमुख फिल्म संस्थान में दिखाई जा रही है। स्क्रीनिंग शो में भाग लेने के इच्छुक कुछ छात्रों ने बाधा डाली। हमने प्रदर्शनकारियों से बात की और मामला सुलझा लिया गया। प्रदर्शनकारियों ने अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग किया और इसके विपरीत राय व्यक्त की। इस बीच, FTIISA के अध्यक्ष ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की है, जिसके अनुसार “FTII के छात्रों को कार्यक्रम के बारे में सूचित नहीं किया गया था।”
फिल्म की सक्रीनिंग पर रोक लगाने की मांग
इस बीच, प्रदर्शनकारियों ने अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा, “हम इस फिल्म (द केरल स्टोरी) की निंदा करते हैं। यह छात्र समुदाय का कर्तव्य है कि वे इस फिल्म द्वारा प्रचारित किए जा रहे घृणित विचारों का विरोध करें।” उन्होंने फिल्म की स्क्रीनिंग पर रोक लगाने की मांग की।