विजय फणशिलकर
Naxalism: पिछले छह दशकों में देश में नक्सलवाद के इतिहास में उपलब्ध हर साक्ष्य यह साबित करता है कि वामपंथी चरमपंथी यानी नक्सलवादी अपने राजनीतिक उद्देश्य को हासिल नहीं कर पाए हैं। हालांकि उन्होंने समय-समय पर बड़ी संख्या में लोगों की हत्या की है। भारत की सीमाओं के पार दुश्मन देशों से नक्सलियों को भारी संसाधन, पैसा, तकनीक और हथियार मिल रहे हैं। फिर भी नक्सली कुछ खास हासिल नहीं कर सके। इन नक्सलियों ने भारत जैसे बड़े देश को भी नाक में दम करके रखा।
इस बात का एहसास नक्सलियों के आकाओं को था, फिर भी उन्होंने केवल एक ही उद्देश्य से आधी सदी से भी अधिक समय तक आधे भारत में हिंसक विनाश जारी रखा। वे ऐसी छवि बनाते हैं कि सरकार शासन चलाने में विफल रही है।
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इन राज्यों में किए कई बड़े हमले
दरअसल, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने बहुत बड़े सशस्त्र हमले किए हैं, जिनमें कई नागरिकों और राजनीतिक नेताओं की जान गई है, लेकिन उनमें से किसी ने भी नक्सलियों को उनके तथाकथित राजनीतिक लक्ष्यों को हासिल करने में मदद नहीं की है। अब एक और नक्सली ‘षड्यंत्र’ रचा गया है, जिसका विफल होना भी तय है। फिर भी, नक्सलियों को अपनी अराजकता जारी रखनी है, क्योंकि वे अपने सीमा पार आकाओं के दबाव में हैं। लेकिन यह सच है कि नक्सली हिंसा के किसी भी कृत्य से भारत को अस्थिर नहीं कर सकते।