Uttar Pradesh: जामा मस्जिद दंगे की सर्वे रिपोर्ट आज होगी पेश, होगा फैसला या रुकेगी जांच?

संभल ट्रायल कोर्ट द्वारा दिया गया 10 दिन का समय सोमवार (9 दिसंबर) को खत्म हो रहा है। ऐसे में संभल की शाही मस्जिद पर एडवोकेट कमिश्नर की सर्वे रिपोर्ट आज पेश की जा सकती है।

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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के संभल जिले (Sambhal District) में हुए विवाद के बाद कोर्ट कमिश्नर रमेश सिंह राघव (Court Commissioner Ramesh Singh Raghav) दो चरणों के सर्वे (Survey) की रिपोर्ट सोमवार (9 दिसंबर) को कोर्ट (Court) में पेश कर सकते हैं। हरिहर मंदिर (Harihar Temple) के जामा मस्जिद (Jama Masjid) में होने का दावा कोर्ट में पेश होने के बाद मस्जिद में दो चरणों में सर्वे कराया गया। बता दें कि संभल हिंसा के करीब 15 दिन बाद एडवोकेट कमिश्नर की सर्वे रिपोर्ट आज संभल ट्रायल कोर्ट में पेश की जा सकती है।

बता दें कि संभल ट्रायल कोर्ट द्वारा दिया गया 10 दिन का समय सोमवार (9 दिसंबर) को खत्म हो रहा है। ऐसे में एडवोकेट कमिश्नर की संभल की शाही मस्जिद पर सर्वे रिपोर्ट आज पेश की जा सकती है या फिर एडवोकेट कमिश्नर कोर्ट से कुछ दिन का समय और मांग सकते हैं।

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मामले में सुप्रीम कोर्ट ने लिया था संज्ञान
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को हिंसा प्रभावित शहर में शांति और सौहार्द बनाए रखने के निर्देश दिए गए थे। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी आदेश दिया था कि जब तक इलाहाबाद हाईकोर्ट मस्जिद कमेटी की याचिका पर सुनवाई नहीं कर लेता, तब तक सर्वे रिपोर्ट को सीलबंद रखा जाए।

आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज
संभल कोतवाली में उपद्रवियों के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की गई हैं। सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल समेत 40 नामजद और 2750 अज्ञात आरोपी हैं। इन सभी एफआईआर में अलग-अलग आरोप हैं। पुलिस ने लूट, हत्या का प्रयास, बलवा समेत अन्य गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की है। प्रशासन की ओर से 400 लोगों के पोस्टर भी जारी किए गए हैं।

दर्ज होंगे अधिकारियों के बयान
संभल हिंसा को लेकर चल रही न्यायिक जांच में सोमवार को अधिकारियों के बयान दर्ज किए जाएंगे। इससे पहले तीन दिसंबर को सीएमओ, सीओ संभल, एसडीएम संभल और कोतवाल संभल को मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज कराने के लिए कलेक्ट्रेट बुलाया गया था, लेकिन किन्हीं कारणों से तारीख बढ़ाकर नौ दिसंबर कर दी गई थी। बता दें कि डीएम ने हिंसा की न्यायिक जांच के लिए डिप्टी कलेक्टर दीपक कुमार चौधरी को मजिस्ट्रेट नियुक्त किया था।

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