उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को कहा कि खतरनाक मंसूबों वाली भयावह ताकतें भारत के संवैधानिक लोकतंत्र को कलंकित करना चाहती हैं। उपराष्ट्रपति धनखड़ ने भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस)-2022 के अधिकारी प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए उनसे आग्रह किया कि वे देश की सेवा करते समय नवोन्वेषी बनें और लीक से हटकर सोचें और ऐसे प्रयासों को बेअसर करें।
धनखड़ ने आईएफएस अधिकारी प्रशिक्षुओं से कहा कि कुछ स्थितियां ऐसी होती हैं जहां हमें बेहद जीवंत रहना चाहिए। हमारे संवैधानिक लोकतंत्र को कलंकित करने, विकृत करने और उसे खत्म करने की खतरनाक मंशा वाली भयावह ताकतें हैं। उन्होंने कहा कि आपको सूचना के तीव्र प्रसार में संलग्न होना होगा, हमें इन ताकतों को मार गिराना और बेअसर करना होगा और यह तब सफलतापूर्वक किया जाएगा जब आप इस समय जमीनी हकीकत को जानते हैं और इस देश के इतिहास और संस्कृति में अच्छी तरह से अंतर्निहित हैं।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि 2047 में भारत कैसा होगा इसके लिए देश की जनता आपकी ओर देख रहे है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि 2047 के वॉरियर्स के रूप में आप इसे करने में पूरी तरह से समर्थ और सक्षम हैं और आप इसे करेंगे। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि हमारे पास मौजूद समृद्ध मानव संसाधन के कारण देश का भविष्य बहुत उज्ज्वल है। आप इसका प्रतिनिधित्व करते हैं, आप इसका उदाहरण हैं, आपने इसे साबित किया है और दुनिया को दिखाया है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत आज एक पसंदीदा निवेश स्थल और आशा की किरण बन गया है। दुनिया हमारी तरफ देख रही है। उन्होंने पिछले समय को याद करते हुए कहा कि यह देखना बहुत दुखद था कि भारत को बास्केट केस के रूप में खारिज कर दिया गया। हम नाजुक पांच का हिस्सा थे। उस दृश्य को देखें, आप में से अधिकांश या तो पैदा नहीं हुए थे या बच्चे थे, अब मेरे लिए यह कितना सुखद दृश्य है, जब मैं कतर जाता हूं तो देखता हूं कि भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक उज्ज्वल स्थान है। भारत निवेश और अवसर का गंतव्य है और यह निस्संदेह है।
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