केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि दुनिया में निराशा का भाव फैला है। आज विश्व शांति के लिए दुनिया भारतीय संस्कृति की तरफ देख रही है। हमारे संतों ने विदेशों की धरती पर हमारी संस्कृति, विरासत और इतिहास का प्रचार-प्रसार किया है और वहां के लोगों को नई दिशा दी है। हमारी उपासना पद्धति अलग-अलग हो सकती है, लेकिन संस्कृति, विरासत, इतिहास एक है और यही भारत की विशेषता है।
केंद्रीय मंत्री गडकरी सोमवार को गुरुग्राम में बनने वाले भारत अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक केंद्र के शिलान्यास के बाद संबोधन कर रहे थे। इसी के साथ ही तीन दिवसीय संस्कृति महोत्सव भी संपन्न हो गया। कार्यक्रम में महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी और मेघालय के पूर्व राज्यपाल गंगा प्रसाद, सांस्कृतिक केंद्र के संरक्षक लक्ष्मी नारायण भाला व मुख्य संयोजक अमित जैन सहित अन्य गणमान्य लोग भी मंच पर उपस्थित थे।
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि धर्मनिरपेक्षता को समझना जरूरी हैं। शासन को धर्म निरपेक्ष होना चाहिए, व्यक्ति कभी धर्म निरपेक्ष नहीं हो सकता। सेक्यूलर शब्द का अर्थ भी सर्व धर्म सम्भाव है। धर्म का संबंध कर्तव्य के साथ होता है। हिंदुत्व का अर्थ जीवन पद्धति है। हमारा इतिहास, संस्कृति हमें विरासत से मिली हैं। रामायण, महाभारत और साधु-संतों के मार्गदर्शन से मिली है। मंत्री गडकरी ने कहा कि मोदी सरकार का लक्ष्य किसान, गरीब का कल्याण करना है। विश्व में जो भी निराशा फैली हुई है, उससे निकालने के लिए हमारी संस्कृति को दुनिया में फैलाना है और केंद्र निश्चित ही यह कार्य करेगा।
गडकरी ने कहा कि अलग भाषा, अलग भेष, अलग-अलग रहन-सहन होने के बावजूद हमारी संस्कृति एक है। यही भारत की विशेषता, श्रेष्ठता है। हमारी भारतीय संस्कृति, मूल्यदृष्टि जीवन पद्धति, मूल्य दृष्टि परिवार पद्धति विश्व के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। स्वाभाविक रूप से हमारा इतिहास, हमारी संस्कृति, हमारी विरासत, हमारा साहित्य, हमारी कलाएं इन सब बातों का जतन करना ही हमारे समाज की सबसे बड़ी आवश्यकता है। किसी भी देश के इतिहास में उसका अगर भविष्य हमें देखना है तो स्वाभाविक रूप से उस देश का इतिहास, संस्कृति और दोनों के आधार पर समग्र जीवन का जो परिणाम होता है, उस पर ध्यान देना होगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हमारी संस्कृति की रक्षा करते हुए और इस संस्कृति का महत्व पूरे विश्व के लोगों तक पहुंचाने में हमारे भारत अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक केंद्र की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। हमारी पारिवारिक पद्धति, भारतीय संस्कृति, योगा, आयुर्वेद दुनिया के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। उन्होंने कहा कि हमारे विचार कितने भी श्रेष्ठ हों, हमारे सिद्धांत कितने भी श्रेष्ठ हों, पर जहां हम जाते हैं वहां के लोगों को उनकी भाषा में समझाना उतना ही आवश्यक हैं, इसलिए मुझे खुशी है कि आज पूरी दुनिया में भारतीय संस्कृति से जुड़ी अनेक बातों पर रिसर्च हो रहा है।
यह भी पढ़ें – अब पवार को पढ़ा रहे हैं संजय राउत सियासी पाठ
Join Our WhatsApp Community