भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद और ग्वालियर के महाराज ज्योतिरादित्य सिंधिया के जय विलास पैलेस में चोरी होने का मामला प्रकश में आने के बाद हड़कंप मच गया है। बेहद सुरक्षित माने जाने वाले इस पैलेस में सेंधमारी से पुलिस महकमे में भूचाल आ गया है।
सिंधिया राजवंश के जय विलास पैलेस में चोरी का मामला उजागर होने के बाद पुलिस प्रशासन हरकत में आ गया है। इस बारे में ग्वालियर के पुलिस अधीक्षक रत्नेश तोमर ने बताया कि 17 मार्च की सुबह पैलेस के रानी महल से बताया गया कि छत्त के रास्ते चोर महल के एक कमरे में घुस गए। सूचना मिलते ही तत्काल पुलिस अधिकारी और कर्मचारी के साथ श्वान पथक दल और फोरेंसिक टीम को घटनास्थल पर भेजा गया।
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पुलिस ने शुरू की जांच
फिलहाल पुलिस और फोरेंसिक टीम ने जय विलास पैलेस पहुंचकर सेंधमारी के स्थान के फिंगरप्रिंट और जरुरी सबूत जब्त किए हैं। अभी तक मिली जानकारी के अनुसार महल से एक पंखा और कंप्यूटर के सीपीयू की चोरी का मामला प्रकाश में आया है। चोर खिड़की के रास्ते रानीमहल के कमरे में घुसा था। मिली जानकारी के अनुसार पहले वहां बैंक हुआ करता था।
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जय विलास पैलेस
जय विलास पैलेस न सिर्फ देश बल्कि विदेश में भी काफी चर्चित है। इसे देखने देश-विदेश से लोग आते रहते हैं। इस पैलेस का निर्माण श्रीमंत जयाजी राव सिंधिया ने 1874 में कराया था। यह विशाल पैलेस 40 एकड़ में फैला हुआ है। इसकी कीमत करीब 4 हजार करोड़ रुपए है। 1964 में जयाजी राव सिंधिया म्यूजियम वाले भाग को लोगों के लिए खोल दिया गया था। उसके बाद से यहां बड़ी संख्या में लोग आते हैं। 400 कमरे वाले इस पैलेस को सैकड़ों की संख्या में विदेशी कारीगरों ने बनाया था। इसकी दीवारों पर सोने व चांदी की कारीगरी की गई है। इसके साथ ही विलास पैलेस में 3,500 किलो के दो झूमर लगे हैं।