भारत-बांग्लादेश सीमा (India-Bangladesh Border) से पश्चिम बंगाल (West Bengal) के इलाकों में घुसपैठ (Infiltration) की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। सीमा सुरक्षा बल (Border Security Force) ने सुरक्षा को और मजबूत कर दिया है। बीएसएफ के एक अधिकारी ने बताया कि फिलहाल भारत बांग्लादेश सीमा पर घुसपैठ की घटनाएं अब तक के इतिहास में सबसे ज्यादा हो रही हैं। उन्होंने बताया कि शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद से बांग्लादेश की सीमा पर घुसपैठ की लगातार बढ़ती ही जा रही हैं। बुधवार को उत्तर 24 परगना और मालदा जिलों में पांच बांग्लादेशी नागरिकों (Bangladeshi Citizens) को भारतीय सीमा (Indian Border) से वापस भेजा गया।
मंगलवार को भी इन जिलों से 13 बांग्लादेशी घुसपैठियों को रोका गया। अधिकारी ने कहा, “पिछले कुछ महीनों में घुसपैठ की घटनाएं बढ़ी हैं। हम लगभग रोजाना अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को वापस भेज रहे हैं। पूछताछ में इन लोगों ने बताया कि वे मुंबई और बेंगलुरु जैसे शहरों में मजदूरी और सफाई का काम करने जा रहे थे। कभी-कभी हालात इतने तनावपूर्ण हो जाते हैं कि बीएसएफ जवानों को सख्त कदम उठाने पड़ते हैं।”
यह भी पढ़ें – BJP Manifesto: दिल्ली चुनाव के लिए आज आएगा बीजेपी का घोषणापत्र, जेपी नड्डा करेंगे जारी
पिछले पांच दिनों में 40 से 45 बांग्लादेशियों को बिना फेंसिंग वाले इलाकों से भारतीय सीमा में प्रवेश करने से रोका गया है। बुधवार को बेनापोल, बांग्लादेश में बीएसएफ और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के बीच बैठक हुई, जिसमें सीमा पर अपराध रोकने और सुरक्षा बढ़ाने पर चर्चा की गई।
इसी हफ्ते बीएसएफ ने एक बांग्लादेशी नागरिक को जो गलती से भारतीय सीमा में घुस आया था, बीजीबी को सौंप दिया। वहीं, पशु तस्करी और प्रतिबंधित कफ सिरप की तस्करी की घटनाओं में भी वृद्धि हो रही है। गुरुवार आधी रात को एक महिला जवान ने तस्करों को भारतीय सीमा से मवेशी ले जाते देखा। जब उन्होंने चुनौती दी तो तस्करों ने उन पर हमला करने की कोशिश की। आत्मरक्षा में महिला जवान ने फायरिंग की, जिससे तस्कर भाग गए।
बीएसएफ का कहना है कि ऐसे हालात में सैनिकों को आत्मरक्षा के लिए सख्त कदम उठाने पड़ते हैं, लेकिन वे हर स्थिति में मानवाधिकारों का पालन करते हैं।
देखें यह वीडियो –
Join Our WhatsApp Community