पश्चिम बंगाल (West Bengal) के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने बांग्लादेश (Bangladesh) से सटी अंतरराष्ट्रीय सीमावर्ती (International Border) जिलों की मतदाता सूचियों (Voter List) की सघन जांच शुरू की है। खुफिया एजेंसियों (Agencies) से मिले इनपुट के अनुसार, बांग्लादेशी कट्टरपंथी समूहों के कुछ सदस्यों ने अवैध रूप से भारतीय मतदाता (Voters) के रूप में अपना नाम दर्ज करवाया है।
सीईओ कार्यालय के एक अधिकारी के अनुसार, यह प्रक्रिया मुर्शिदाबाद जिले से शुरू की गई है। हाल ही में बांग्लादेश-आधारित कट्टरपंथी संगठन अंसारुल्लाह बांग्ला टीम के कार्यकर्ता शाद रदी उर्फ शाब शेख की गिरफ्तारी के बाद यह पता चला कि उसने न केवल मुर्शिदाबाद में मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज करवाया था, बल्कि जिले की दो अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों कांदी और हरिहरपाड़ा में भी मतदाता के रूप में पंजीकरण करवाया था।
यह भी पढ़ें – IND vs AUS: ऑस्ट्रेलिया ने दर्ज की 184 रनों से जीत, भारतीय टीम को मिली हार
दस्तावेजों की गहन जांच के निर्देश
जांच के दौरान यह भी सामने आया है कि कुछ मामलों में एक ही मतदाता पहचान संख्या पश्चिम बंगाल और गुजरात के दो अलग-अलग मतदाताओं को आवंटित की गई है। इन घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए सीईओ कार्यालय ने सभी नए आवेदनों के दस्तावेजों की गहन जांच के निर्देश दिए हैं।
अधिकारी के अनुसार, फर्जी दस्तावेज तैयार करने की प्रक्रिया में फर्जी राशन कार्ड पहले चरण में आता है, जिसके बाद फर्जी मतदाता पहचान पत्र बनता है। तीसरे और चौथे चरण में फर्जी पैन कार्ड और आधार कार्ड तैयार किए जाते हैं, जबकि अंतिम चरण में फर्जी पासपोर्ट बनता है।
सीईओ कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया, “अगर इस श्रृंखला को फर्जी ईपीआईसी कार्ड के स्तर पर ही तोड़ दिया जाए, तो आगे के सभी चरण स्वतः रुक जाएंगे। इसके लिए नए ईपीआईसी कार्ड आवेदकों के दस्तावेजों की जांच में अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं।”
देखें यह वीडियो –
Join Our WhatsApp Community