FIR: दिल्ली के एक न्यायालय ने हिंदू देवी-देवताओं और वीर सावरकर का अपमान करने के आरोप में राणा अय्यूब के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दिया था। उसके बाद पुलिस ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
पत्रकार राणा अयूब ने हिंदू देवी-देवताओं और स्वातंत्र्यवीर सावरकर के बारे में एक्स पर किए गए ट्वीट की पुलिस जांच के आदेश दिए हैं। ट्वीट को लेकर हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और उनका अपमान करने का आरोप लगाया गया है।
वकील अमिता सचदेवा की याचिका पर जांच के आदेश
साकेत कोर्ट के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट हिमांशु रमन सिंह ने पुलिस को वकील अमिता सचदेवा द्वारा दर्ज शिकायत की सामग्री को प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) में बदलने और मामले की जांच करने का निर्देश दिया। उन्होंने मामले में टिप्पणी की, “तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, शिकायत में संज्ञेय अपराध सामने आए हैं, जिसके लिए राणा अयूब के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए। वर्तमान एसएचओ साइबर पुलिस स्टेशन, दक्षिण को शिकायत की सामग्री को एफआईआर में बदलने और आचरण करने का निर्देश दिया गया है।” न्यायालय ने निर्देश दिया कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाए। अदालत ने कहा कि प्रथम दृष्टया भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए (घृणास्पद भाषण), 295ए (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना) और 505 (सार्वजनिक रूप से आपत्तिजनक बयान) के तहत मामले दर्ज किए गए हैं, जिसके लिए पुलिस जांच आवश्यक है।
Maharashtra Politics: उद्धव ठाकरे शिवसेना को एक और झटका, तेजतर्रार यह नेता शिंदे की सेना में शामिल
राणा अयूब पर आरोप
वकील सचदेवा ने सबसे पहले दिल्ली पुलिस की साइबर सेल में सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66ए के तहत शिकायत दर्ज कराई थी। राणा अयूब के ट्वीट से हिंदू मान्यताओं का व्यवस्थित रूप से मजाक उड़ाने, उन्हें नीचा दिखाने, भारत का अपमान करने और सांप्रदायिक नफरत फैलाने के एजेंडे का पता चलता है। राणा अयूब ने हिंदू देवी-देवताओं का अपमान किया है और भारत विरोधी भावनाएं फैलाई हैं, जिसके कारण पुलिस ने दर्ज शिकायत पर जांच शुरू करने में निष्क्रियता दिखाई, इसलिए वकील सचदेवा ने मजिस्ट्रेट अदालत का दरवाजा खटखटाया। आरोपों की गंभीरता को देखते हुए, अदालत ने माना कि धारा 156(3) सीआरपीसी के तहत न्यायिक शक्ति का प्रयोग करते हुए वर्तमान मामले में जांच का आदेश देना उचित था।
किस ट्वीट से किसका अपमान हुआ?
13 मई 2013 को किया गया यह ट्वीट भगवान श्री राम का अपमान था।
29 मई 2015 को उन्होंने एक ट्वीट कर वीर सावरकर का अपमान किया था।
7 सितम्बर 2015 को वीर सावरकर का अपमान किया गया।
Join Our WhatsApp Community