देश के सबसे बड़े कारागृह के रूप में विख्यात तिहाड़ जेल में बंदियों के लिए नया सुधार कार्यक्रम शुरू किया है। जिसके अंतर्गत अब अपराध करके पहली बार सजा भुगतने आए कैदियों को विशेष कक्ष दिया जाएगा। इसके लिए तिहाड़ और मंडोली में एक-एक जेल को आरक्षित रखा गया है।
तिहाड़ जेल को अपराध की पाठशाला के तौर पर देखा जाता है। यहां पर जब कोई पहली बार अपराध करके पहुंचता है तो कुख्यात बदमाश उसे पेशेवर अपराधी बनाने की कोशिश करते हैं। बदमाशों द्वारा उसे सिखाया जाता है कि किस तरह वह एक बड़ा बदमाश बन सकता है। कैसे वह वाहन चोरी, शराब तस्करी, हथियारों की तस्करी, लूट, डकैती आदि को उनके साथ अंजाम दे सकता है। इसके अलावा कुछ गैंग ऐसे युवाओं को अपने साथ शामिल कर लेते हैं। उनकी मदद करने के नाम पर उन्हें अपने गैंग में शामिल करते हैं और बाहर निकलने पर उनसे अपराध करवाते हैं। ऐसे हजारों उदाहरण पुलिस के समक्ष आते रहे हैं।
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तिहाड़ जेल में ऐसे मामलों को रोकने के मकसद से यह महत्वपूर्ण फैसला किया है। उन्होंने बताया कि अब पहली बार अपराध कर जेल आने वाले कैदियों के लिए अलग जेल की व्यवस्था कर दी है और यह व्यवस्था आज से ही लागू कर दी गई है।
दो जेलों में बनाया गया अलग स्थान
इसके लिए तिहाड़ जेल नंबर-4 और मंडोली की जेल नंबर-12 को आरक्षित कर दिया गया है। इन दोनों जेल में केवल ऐसे कैदियों को रखा जाएगा जो पहली बार अपराध करके पहुंचे हैं। इस बात को भी सुनिश्चित किया जाएगा कि यहां जाने के लिए कोई कैदी झूठ न बोले। इसलिए जेल आने पर कैदी का फिंगरप्रिंट लिया जाएगा। इससे पता चलेगा कि वह पहले भी जेल आया है या नहीं। इसके बाद ही उसे इन दोनों जेलों में भेजा जाएगा।