तिहाड़ जेल के एक हेड वार्डर को जालसाज सुकेश चंद्रशेखर का मैसेज पहुंचाने के आरोप में निलंबित किया गया है। आरोप है कि सुकेश चंद्रशेखर ने अपना एक संदेश बाहर पहुंचाने के लिए कर्मचारी को पांच लाख रुपये देने का झांसा दिया था। इसके बाद सुकेश को जेल नंबर तीन से आठ में शिफ्ट कर दिया गया है। वहीं सुकेश से करीबी को लेकर जेल के अधिकारियों से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी पूछताछ कर रही है।
तिहाड़ जेल के डीजी संदीप गोयल के अनुसार, कुछ दिन पहले एक मेडिकल असिस्टेंट को जेल प्रशासन ने कुछ दस्तावेजों के साथ पकड़ा था। वह जेल के अस्पताल में मौजूद सुकेश चंद्रशेखर का मैसेज जेल से बाहर पहुंचाता था। इस मामले में जेल के कुछ अन्य अधिकारियों के नाम भी सामने आए थे। इसे लेकर ईडी की टीम जांच कर रही है। उन्होंने कुछ जेल अधिकारियों को सम्मन भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया है। उधर जेल प्रशासन ने एक हेड वार्डर को सुकेश के संदेश मोबाइल से बाहर पहुंचाने के लिए निलंबित किया है।
इसके साथ ही उन्होंने सुकेश को जेल नंबर तीन से आठ में शिफ्ट कर दिया है क्योंकि वह यहां के कई कर्मचारियों को अपनी मदद के लिए इस्तेमाल कर रहा था।
मोबाइल से हुआ खुलासा
-सूत्रों ने बताया कि मेडिकल असिस्टेंट का मोबाइल फोन ईडी ने जब्त किया है। इस मोबाइल को खंगालने पर पता चला कि सुकेश उसे लिखे हुए नोट अपने साथी के मोबाइल नंबर पर भेजने के लिए कहता था। वह इस नोट को व्हाट्सएप के जरिए भेजता था। उसने भेजी गई तस्वीरों को मोबाइल से डिलीट नहीं किया था।
-यह नोट ईडी को मिले हैं जिसमें सुकेश ने अपने साथियों से कहा है कि वह जेल अधिकारियों को पैसे पहुंचाएं। इसके बाद ईडी की टीम जेल नंबर तीन में छानबीन करने पहुंची थी। वहां पर उन्होंने सीसीटीवी फुटेज खंगालने के अलावा जेल के कर्मचारियों से भी पूछताछ की है।
-जेल अधिकारियों का कहना है कि उन्हें कर्मचारी की तरफ से पता चला है कि एक हेड वार्डर मुकेश के साथ मिलीभगत कर उसकी मदद कर रहा है। इसके बाद जब उन्होंने छानबीन की तो पता चला कि वह पैसे लेकर उसके मैसेज बाहर पहुंचा रहा है। इसलिए उसे निलंबित किया गया है।
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