मुंबई। पुलिस द्वारा जारी किये गए जमावबंदी कानून को लेकर समाज की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कई लोग लोकल ट्रेन बंदी के कारण पहले से ही जूझ रहे लोगों पर इसे अत्याचार मान रहे हैं। तो दूसरी तरफ कोरोना के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए प्रशासन इसे जरूरी बता रहा है जबकि एक धड़ा इसे मराठा आरक्षण को लेकर आंदोलन की सुगबुगाहट को प्रतिबंधित करने की इसे कोशिश मान रहा है।
महाराष्ट्र में पिछले चौबीस घंटे में 24,619 संक्रमितों की वृद्धी हुई है। जबकि 398 लोगों की मौत हुई है। राज्य में 3,01,752 कोविड-19 के एक्टिव मरीज हैं। देश में महाराष्ट्र सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमित राज्य है। ऐसे में मराठा आरक्षण को लेकर मराठा क्रांति मोर्चा समेत सभी मराठा पार्टियां आंदोलन के प्रयास में हैं। इसके लिए बैठकों का दौर शुरू है। इसे देखते हुए माना जा रहा था कि अगले एक सप्ताह में राज्यभर में मराठा आंदोलन शुरू हो सकता है। लेकिन सूत्रों के अनुसार सरकार ने उसके पहले ही मुंबई में कोरोना के बढ़ते आंकड़े को देखते हुए जमावबंदी कानून अर्थात धारा 144 लगाकर इस पर लगाम लगाने का प्रयत्न किया है।