Torres Jewelry Scam: मुंबई पुलिस (Mumbai Police) की आर्थिक अपराध शाखा (Economic Offences Wing) (ईओडब्ल्यू) ने हजारों निवेशकों से धोखाधड़ी (Thousands of investors cheated) करने वाले करोड़ों रुपये के टोरेस कंपनी घोटाले में नए जानकारी का खुलासा किया है। मुख्य संदिग्ध ने धोखाधड़ी की साजिश रची थी।
जांच से पता चला है कि लोगों को ठगने के लिए शुरू किए गए कारोबार में 25 करोड़ रुपये का निवेश किया गया था। इन खर्चों में दादर में एक प्रमुख शोरूम किराए पर लेना, फर्नीचर और हीरे खरीदना तथा निवेशकों को लुभाने के लिए शुरुआती धनराशि उपलब्ध कराना शामिल था। ईओडब्ल्यू के अधिकारी हिरासत में लिए गए तीन संदिग्धों से पूछताछ करते हुए इन धनराशियों के स्रोत की जांच कर रहे हैं।
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टोरेस कांड के मास्टरमाइंड क्रिसमस पर भाग निकले…
आर्थिक अपराध शाखा की जांच से पता चला कि मुख्य अपराधी ओलेना स्टोइयन और आर्टेम ओलिफेरचुक ने छुट्टियों के मौसम में कम जांच का फायदा उठाने के लिए क्रिसमस पर भागने की योजना बनाई थी। गिरफ्तार संदिग्धों तानिया कसातोवा और वेलेंटिना कुमार ने स्वीकार किया कि उनके वीज़ा की अवधि फरवरी 2025 में समाप्त होने वाली थी और उन्होंने समय सीमा से पहले भागने की योजना बनाई थी। हालांकि, घोटाला उजागर होने के बाद वे भारत में फंस गए। उनके बयानों से 11 और संदिग्धों की पहचान हुई, जिसके परिणामस्वरूप ईओडब्ल्यू ने आगे भागने की घटनाओं को रोकने के लिए लुक-आउट सर्कुलर (एलओसी) जारी किया।
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14 संदिग्धों की पहचान हुई, 10 यूक्रेनी नागरिक शामिल…
आर्थिक अपराध शाखा की जांच में अब तक 14 संदिग्धों की पहचान की गई है, जिनमें 10 यूक्रेनी नागरिक शामिल हैं। मुख्य प्रतिवादियों में ओलेना स्टोइयन, आर्टेम ओलिफेरचुक, विक्टोरिया कोवलेंको, ओलेक्सांद्रा बोरोविक, ओलेक्सांद्रा जैपिचेंको, ओलेक्सांद्रा ब्रुन्कीवस्का, ओलेक्सांद्रा ट्रेडोखिब और इउर्चेंको इगोर शामिल हैं। भारतीय नागरिकों में तौफीक रियाज, इमरान जावेद और सर्वेश सुर्वे शामिल हैं, जबकि अन्य संदिग्ध मुस्तफा कराकोक तुर्की का है। बैंक लेन-देन के सुरागों से जांचकर्ताओं को संदिग्धों का पता लगाने में मदद मिली।
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फर्जी आधार कार्ड और हवाला कनेक्शन…
वित्तीय अपराध शाखा के जांचकर्ताओं ने पाया कि यूक्रेनी घोटालेबाज अनुभवी धोखेबाज हैं, जिनका वैश्विक स्तर पर घोटाले करने का इतिहास है। उन्होंने इम्तियाज की मदद से फर्जी आधार कार्ड प्राप्त किए, जिसने उन्हें टोरेस के प्रतिष्ठान के एक प्रमुख व्यक्ति तौफीक रियाज से मिलवाया। जांचकर्ताओं ने इस घोटाले को हवाला नेटवर्क से भी जोड़ा है। ईओडब्ल्यू के अधिकारी हवाला ऑपरेटर अल्पेश से पूछताछ कर रहे हैं, जिसने एलेक्स और तौफीक रियाज के लिए नकदी हस्तांतरण की बात स्वीकार की है, लेकिन धन का अंतिम गंतव्य अभी भी अज्ञात है।
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इंस्टाग्राम के जरिए पीड़ितों को किया गुमराह
जांच में पता चला कि यूक्रेनी संदिग्धों ने फर्जी इंस्टाग्राम अकाउंट का उपयोग करके पीड़ितों को धोखा देने का प्रयास किया था। यूक्रेन से संचालित ये खाते निजी संदेश भेजते हैं, तथा पीड़ितों को शिकायत दर्ज कराने से रोकने के लिए धन वापसी का झूठा वादा करते हैं। घोटालेबाज ग्राहकों को गुमराह करने के लिए क्यूआर कोड ट्रिक का इस्तेमाल कर रहे हैं।
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कांदिवली शोरूम में तलाशी अभियान और 20 करोड़ रुपये से अधिक की जब्ती…
सोमवार को आर्थिक अपराध शाखा ने कांदिवली स्थित टोरेस शोरूम पर छापा मारकर 20 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की। जब्त की गई सामग्री में 11 करोड़ रुपये नकद, 1.20 करोड़ रुपये मूल्य के पत्थर तथा 1.50 करोड़ रुपये मूल्य का सोना और चांदी शामिल है। अब तक पुलिस को 1,916 शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनसे अनुमान लगाया जा रहा है कि कुल 39 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। आगे की जांच के लिए 10-12 लैपटॉप और अन्य डिजिटल डिवाइस भी जब्त कर लिए गए हैं।
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