पांच दिन पहले, महाराष्ट्र सरकार ने कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण के लिए राज्य में कई तरह के लागू प्रतिबंधों को और सख्त कर दिया है। अब सभी उद्योगों को 50 प्रतिशत क्षमता पर चालू रखने का आदेश जारी किया गया है। साथ ही पर्यटन स्थलों के पूर्ण रूप से बंद होने से स्थानीय होटलों, रेस्तरां, टैक्सियों और अन्य व्यवसायों पर बुरा असर पड़ रहा है। इन व्यवसायों से जुड़े लोगों के सामने भुखमरी की स्थिति पैदा हो गई है। वहीं भारतीय रेलवे ने यात्रियों से लूट जारी रखी है।
यात्रियों से लूट जारी
पर्यटक स्थलों पर जाने के लिए यात्रियों ने पहले ही ट्रेन टिकट बुक करा ली थी। लेकिन कोरोना नियमों के अनुसार अब सरकार ने पर्यटन स्थलों को बंद कर दिया है। इस कारण अब पर्यटन स्थलों पर जाने वाले सभी रेल यात्रियों को टिकट रद्द कराने के लिए साधारण स्लीपर कोच के लिए 240 , 3 एसी कोच के लिए 360 और 2 एसी कोच के लिए 400 रुपए का भुगतान करना पड़ रहा है। हैरानी की बात यह है कि पांच दिन पहले पर्यटन स्थलों को बंद करने के राज्य सरकार के आदेश के बावजूद रेलवे ने यात्रियों के लिए टिकट रद्द करने का शुल्क माफ करने के किसी फैसले की घोषणा नहीं की गई। इस कारण पूरे भारत से महाराष्ट्र आने वाले रेल यात्रियों को यह बोझ उठाना पड़ रहा है।
हवाई यात्रियों की भी लूट
एयरलाइंस का भी यही हाल है। उन्हें भी महाराष्ट्र सरकार की ओर से महाराष्ट्र आने वाले यात्रियों का पूरा रिफंड देने का विशेष निर्देश दिया जाना चाहिए था, लेकिन राज्य के मुख्य सचिव या पर्यटन विभाग ने ऐसा कुछ नहीं किया है। इसलिए यात्रियों में संभ्रम की स्थिति है।