Tripura flood: 22 अगस्त (गुरुवार) को एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि त्रिपुरा (Tripura) में बाढ़ से जुड़ी घटनाओं में मरने वालों की संख्या बढ़कर दस हो गई है। रविवार से पूर्वोत्तर राज्य (north-eastern state) में भूस्खलन (landslide) और बाढ़ (flood) से जुड़ी घटनाओं में कम से कम 10 लोगों की मौत (10 people died) हो गई और एक लापता (one missing) है।
त्रिपुरा में 1,900 से अधिक भूस्खलन हुए, जिससे सड़क संपर्क बाधित हुआ और अधिकारियों को रेड अलर्ट जारी करना पड़ा। गुरुवार को भारी बारिश के कारण पश्चिमी त्रिपुरा और सिपाहीजाला जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया।
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32,750 लोगों ने 330 राहत शिविरों में शरण ली
अधिकारियों के अनुसार, त्रिपुरा में भारी बारिश के कारण कम से कम 32,750 लोगों ने 330 राहत शिविरों में शरण ली है। बचाव कार्यों में सहायता के लिए एनडीआरएफ की चार अतिरिक्त टीमें राज्य में पहुंचीं। इससे पहले, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से अतिरिक्त एनडीआरएफ टीमों के लिए अनुरोध किया था। अधिकारी ने कहा, “रविवार से भारी बारिश के कारण सभी प्रमुख नदियों का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है, जिससे कई इलाकों में बाढ़ आ गई है। रविवार से भूस्खलन और बाढ़ से संबंधित घटनाओं में दस लोगों की मौत हो गई है। कुल मिलाकर 32,750 लोगों ने 330 राहत शिविरों में शरण ली है।”
राज्य में “अभूतपूर्व” बाढ़
राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ), एनडीआरएफ और असम राइफल्स सहित केंद्रीय अर्धसैनिक बल प्रभावित क्षेत्रों में बचाव और राहत कार्यों में लगे हुए हैं। मुख्यमंत्री माणिक साहा ने बुधवार शाम को मीडिया से बात करते हुए कहा कि राज्य में बाढ़ “अभूतपूर्व” है। उन्होंने कहा, “राज्य में अभूतपूर्व बाढ़ आई है। हम स्थिति पर करीबी नजर रख रहे हैं। जिलाधिकारियों को प्रभावित लोगों को हरसंभव मदद मुहैया कराने को कहा गया है।”
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