अनुसूचित जाति समुदाय के प्रति अपमानजनक टिप्पणी करना पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह तथा तारक मेहता का उल्टा चश्मा की अभिनेत्री मुनमुन दत्ता उर्फ बबीता जी व ओम शांति ओम फिल्म से लाइमलाइट में आई अभिनेत्री युविका चौधरी के लिए गले की फांस बन गया है।
हांसी पुलिस ने इन तीनों सेलिब्रिटीज के खिलाफ जांच लगभग पूरी कर ली है तथा जल्द ही एक-दो दिन में जांच अधिकारी इन तीनों सेलिब्रिटीज के खिलाफ हिसार की अनुसूचित जाति व जनजाति अत्याचार अधिनियम के तहत स्थापित विशेष न्यायालय में अपनी अंतिम रिपोर्ट चालान पेश करेंगे।
पांच साल की हो सकती है सजा
जब हांसी पुलिस इन सेलिब्रिटीज के खिलाफ हिसार की विशेष अदालत के जज के सामने चलान या अंतिम रिपोर्ट पेश करेगी, तब इन सेलेब्रिटीज को भी न्यायालय में पेश होकर अपनी नियमित जमानत हासिल करनी पड़ेगी। इसके बाद इन तीनों सेलिब्रिटीज के खिलाफ हिसार के विशेष न्यायालय में अलग-अलग ट्रायल शुरू हो जाएंगे और अगर इनके खिलाफ आरोप साबित होते हैं तो इन तीनों सेलिब्रिटीज को एससी एसटी एक्ट की धारा 3(1)(u) के तहत पांच साल तक की सजा सुनाई जा सकती है।
सर्वोच्च न्यायालय से भी नहीं मिली राहत
हालांकि पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह ने अपने खिलाफ दर्ज मुकदमे को खारिज कराने के लिए पंजाब हरियाणा उच्च न्यायालय की तथा मुनमुन दत्ता उर्फ बबीता जी ने सर्वोच्च न्यायालय की शरण ली थी लेकिन न्यायालय ने युवराज सिंह को एससी एसटी एक्ट के तहत दर्ज एफआईआर में राहत देने से इंकार कर दिया। इसी तरह मुनमुन दत्ता को भी सर्वोच्च न्यायालय से कोई राहत नहीं मिली।
यह है मामला
पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह ने जून 2020 में तथा मुनमुन दत्ता व युविका चौधरी ने मई 2021 में अनुसूचित जाति के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी। इसके बाद नेशनल अलायन्स फॉर दलित ह्यूमन राइट्स के संयोजक रजत कल्सन ने इनके खिलाफ हांसी के थाना शहर में अलग-अलग मुकदमे दर्ज कराए थे।