मुसलमानों के धर्मांतरण रैकेट के खुलासे के बाद अब ईसाईयों के धर्मांतरण रैकेट का पर्दाफाश हुआ है। बिहार के सुपौल जिले से केरल के दो पादरियों को इस मामले में गिरफ्तार किए जाने के बाद यह खुलासा हुआ है। इन्हें धर्मातंरण का प्रयास करते हुए पकड़ा गया है। ये दोनों आम लोगों के बीच बाइबल का वितरण कर ईसाई धर्म का प्रचार कर रहे थे। ये लोगों को तरह-तरह के लालच देकर ईसाई धर्म अपनाने की साजिश कर रहे थे। इसी दौरान लोगों ने इनके बारे में पुलिस को सूचित कर दिया। उसके पास पहुंची पुलिस ने पूछताछ के बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस का मानना है कि ये धर्मांतरण किसी बड़े रैकेट का हिस्सा हो सकते हैें।
मिली जानकारी के अनुसार सुपौल जिले के केवला गांव में ये दोनों गरीब लोगों को बहला-फुसला कर ईसाई धर्म अपनाने पर जोर दे रहे थे। गिरफ्तार पादरियों के नाम जॉर्ज और रिषु हैं।
प्रति माह मिलते थे 12 हजार रुपए
पुलिस की पूछताछ में इन पादरियों ने बताया कि इन्हें इसके लिए प्रति माह 12 हजार रुपए दिए जाते थे। इसके साथ ही लोगों को लालच देने के लिए भी पैसे दिए जाने की बात इन दोनों ने स्वीकार की है। इन्होंने अब तक डेढ़ दर्जन से अधिक लोगो के धर्मांतरण कराने की बात कबूल की है। पुलिस ये पता लगा रही है कि इन्हें प्रति महीने 12 हजार रुपए देने वाले कौन हैं। उसका मामना है कि यह किसी धार्मिक अंतरराष्ट्रीय संगठन का षड्यंत्र हो सकता है।
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पुलिस कर रही जांच
भीमपुर पुलिस ने दोनों पादरियो को हिरासत में लेकर जांच शुरू कर दी है। उनके आधार कार्ड और अन्य कागजात जब्त कर लिए गए हैं। पता चला है कि ये दोनों पिछले कई सालों से लोगो का धर्मांतरण करा रहे थे। लेकिन किसी ने कोई शिकायत नहीं की, इसलिए ये अब तक पुलिस की नजर से बचे रहे। इस मामले को प्रकाश में आने के बाद हिंदू संगठन के लोग गुस्से में हैं और उन्होंने इस तरह के कृत्य को रोकने की सरकार तथा प्रशासन से अपील की है।