यूक्रेन पर रूस द्वारा करीब चार माह पहले किए गए हमले के बाद शुरू हुआ युद्ध कई वर्षों तक जारी रह सकता है। यह दावा नाटो प्रमुख ने किया है। वहीं ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि इस भीषण युद्ध का दोनों सेनाओं के मनोबल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।
एक साक्षात्कार में नाटो के महासचिव जेन स्टोल्टेनबर्ग ने कहा कि किसी को नहीं पता कि युद्ध कितना लंबा चल सकता है। हमें इसके वर्षों तक जारी रहने के हिसाब से तैयार रहना होगा।
उन्होंने सहयोगियों से अनुरोध किया कि खर्च ज्यादा आने के बावजूद वे यूक्रेन को दी जाने वाली सहायता में कमी न करें। सिर्फ सैन्य सहायता के लिए नहीं, बल्कि ऊर्जा और खाद्यान्न की कीमतों में हो रही वृद्धि को ध्यान में रखते हुए भी इसे जारी रखें।
उधर, ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने 19 जून को जारी बयान में कहा कि इस भीषण युद्ध का दोनों सेनाओं के मनोबल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है और कई जगहों पर सैनिक अपने अधिकारियों के आदेशों की अवहेलना कर रहे हैं या फिर उनके खिलाफ विद्रोह भी कर रहे हैं।
युद्ध पर रोजाना जारी होने वाले विश्लेषण में ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्षों की लड़ाकू टुकड़ियां डोनबास में भीषण युद्ध में शामिल हैं और उनके मनोबल में बदलाव आने का अनुमान है। विश्लेषण में कहा गया है कि ऐसी आशंका है कि हाल के सप्ताह में सैनिकों ने यूक्रेन की सेना का साथ भी छोड़ा है। इसमें कहा गया है कि रूस के मनोबल में ज्यादा परेशानी आने की संभावना है।
विश्लेषण में कहा गया है कि रूसी सैनिकों की पूरी इकाई द्वारा आदेश मानने से इनकार किए जाने और अधिकारियों तथा सैनिकों के बीच सशस्त्र संघर्ष की घटनाएं लगातार हो रही हैं।
वहीं दूसरी ओर, यूक्रेन के मुख्य खुफिया निदेशालय ने रूसी सैनिकों की फोन कॉल इंटरसेप्ट करने दावा किया है, जिसमें रूसी सैनिक मोर्चे के मौजूदा हालात, खराब उपकरणों और सैनिकों की कमी आदि की शिकायत कर रहे हैं। यह रिपोर्ट इंस्टिट्यूट फॉर द स्टडी ऑफ वार द्वारा जारी की गई है।
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