माफिया अतीक अहमद (Atiq Ahmed) की बहन आयशा नूरी (Ayesha Noori) की फरारी पर प्रयागराज पुलिस (Prayagraj Police) ने कुर्की (Attachment) की कार्रवाई (Action) शुरू कर दी है। शुक्रवार को प्रयागराज पुलिस ने नौचंदी के भवानी नगर स्थित उनके घर पर कुर्की की कार्रवाई का नोटिस (Notice) चस्पा कर दिया। साथ ही बंद घर के बाहर मुनादी भी कराई गई।
इस मामले में आयशा के पति डॉ. अखलाक को गिरफ्तार कर लिया गया है। 26 अप्रैल को आयशा को भी हत्यारों को शरण देने का आरोपी बनाया गया। दो अप्रैल को एसटीएफ की लखनऊ यूनिट ने डॉ. अखलाक को गिरफ्तार कर लिया। उमेश पाल हत्याकांड में अखलाक को साजिश का आरोपी बनाया गया था।
अखलाक और उसकी पत्नी आयशा आरोपियों की मदद कर रहे थे। अखलाक के घर के सीसीटीवी फुटेज से पता चला था कि उमेश पाल हत्याकांड के आरोपित बम हमलावर गुड्डु मुस्लिम को शरण दी गई थी। इसके साथ ही आरोपियों को अखलाक की कार से भी मदद मिली थी। अखलाक ने मुस्लिम गुड्डु को 50 हजार रुपये भी दिये थे।
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आयशा तभी से फरार है। प्रयागराज पुलिस की एक टीम ने उनके घर पर 82 सीआरपीसी के तहत नोटिस चस्पा कर दिया है। डॉ. अखलाक भावनपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर बाल रोग विशेषज्ञ के पद पर तैनात थे। अखलाक की बर्खास्तगी की प्रक्रिया अभी भी चल रही है।
क्या है उमेश पाल हत्याकांड?
पेशे से वकील उमेश पाल, प्रयागराज में बीएसपी विधायक राजू पाल की हत्या के एकमात्र चश्मदीद गवाह थे। 24 फरवरी 2023 को दिनदहाड़े घर के सामने कार से उतरते ही उन पर गोलियों और बमों से हमला कर दिया गया। यह घटना धूमनगंज थाना क्षेत्र की थी। उमेश पाल समेत उनके दो सुरक्षाकर्मी भी मारे गये।
यह घटना पास के सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हो गई। गोलियों और बमों की आवाज से पूरा इलाका दहल गया. तीनों को एसआरएन अस्पताल ले जाया गया जहां उमेश पाल और सुरक्षा गार्ड संदीप निषाद को मृत घोषित कर दिया गया। राघवेंद्र का इलाज चलता रहा लेकिन इसके बावजूद उसकी भी मौत हो गई।
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